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Friday, October 17, 2014

भँसैत नाह


भँसैत नाह





बेर-बेर नाहडुम्‍मीक घटना होइ छै तैयो आन घाटसँ बेसी चलती ऐ घाटक रहि‍ते छै। बेसी चलतीक कारण छै जे यात्रीक एहेन धारणा बनल अछि‍ जे छह मासक रस्‍ता नै चली साल भरि‍क चली। भलहिं कोनो धार कि‍ए ने छहमसुए हुअए। छहमसुआ ई भेल जे, जे धार जेठ-अखारमे मोजरि‍-फुला सौन-भादोमे पूर्ण जुआनी पाबि‍ दुब्‍बर-दानर सल-सलि‍आ धारकेँ तेना ने झाँपि‍ दइ छै जे ओ सल-सलि‍आ धार ऊपरेसँ झँपा जाइत अछि‍। तेकर कारण ईहो छै जे बादलो बेइमानी करै छै, जेना समुद्र ओकरा जल-वायु रूपमे जलधार बनबै छै तेना ओ (मेघ) बेइमानी करै छै जे केतौ फाटि‍-फाटि‍ बरसै छै तँ केतौ झकसबो नदारथ कऽ दइ छै। मुदा तैयो अपन दोख कहाँ मानै छै। बुर्ड़ाक भऽ छाती खोलि‍ बजै छै जे समुचि‍त दि‍शामे बढ़ए चाहै छी, मुदा हवाक झोंक तेना ने छि‍ड़ि‍या दइए जे राइ-छीती कऽ दइए। मेघक दमगर वि‍चार सुनि‍ धार पार करैक यात्री मानि‍ए लइए। मुदा घाटक चलतीक दोसरो कारण छै जे दोसर-तेसर घाट पार करैमे कनी समैओ बेसी लगै छै आ रस्‍तो कनी बलुआह टपए पड़ै छै, तँए कम चलती रहै छै। ओना तीन बेर नाहडुम्‍मी भेल, से सभ यात्रीकेँ बूझल छै मुदा पानि‍मे कि‍ गाछक घटना होइ छै जे हाड़-पाँजर टुटत, तँए जि‍नगीक तँ एते गारंटी भाइए जाइ छै हाड़-पाँजर तोड़ि‍ काहि‍ काटि‍ जे मरब तइसँ नीक ने भेल जे पानि‍ओ पीब आ डुमकी कटैत प्रवाहो भाइए जाएब। 


अंतिमपारा................................



नैयाक बात सुनि‍ पहि‍लुके यात्री दोहरबैत बाजल-
कि‍यो करए आपले माएले ने बापले। -कहि‍ धारमे कूदि‍ गेल।
भकमोड़क नाह चकभौर काटए लगल। बामी-दहि‍नी जलधार पाबि‍ एकोशि‍या भऽ गेल, बानरक तराजू जकाँ यात्री दोसर दि‍स झूकि‍ गेल। एकोशि‍या भार पड़ने नाहो एकोशि‍या होइत-होइत पनि‍आ गेल। नाहक संग यात्री आ पनि‍आएल पेट बि‍च्‍चे धारमे डूमि‍ गेल।¦५९२¦  

२६ मार्च २०१४

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