Pages

Thursday, September 27, 2012

प्रो. वीणा ठाकुर -परि‍णीता



आइ डोमेस्‍टि‍क एयर पोर्ट दि‍ल्‍लीमे श्‍यामाक भेँट नीलसँ भेल छलनि‍। श्‍यामा थोड़ेक काल धरि‍ हतप्रभ रहि‍ गेल छलीह। नील-नील कहि‍ मोनक कोनो कोनमे हहाकारक लहरि‍ उठि‍ गेल छल। एतेक वर्ष बीत गेल। नील अखनो ओहने छथि‍, कोनो परि‍वर्त्तन नै भेल छन्‍हि‍। आकर्षक नील, हँसमुख नील, पुर्ण पुरुष नील, उच्‍च पदस्‍थ नील, नील-नील। श्‍यामा कहि‍यो नीलकेँ बि‍सरि‍ नै सकल छलीह। सभटा प्रयासश्‍यामाक वि‍फल भऽ गेल छल। नील सदि‍खन छाया सदृश श्‍यामाक संग लागले रहलथि‍। नील कतेक दूर भऽ गेल छथि‍, श्‍यामा आब चाहि‍यो कऽ नीलकेँ स्‍पर्श नै कऽ सकैत छथि‍, ओहि‍ना जेना छाया संग रहि‍तौं स्‍पर्श नै कएल जा सकैत अछि‍, मनुष्‍यक संग छायाक अस्‍ति‍त्‍व तँ सदि‍खन रहैत छैक, मुदा ओकर आकार तँ सदि‍खन नै रहैत छैक। श्‍यामाक जि‍नगी नील, श्‍यामाक सोच नील, श्‍यामाक सभ ि‍कछु नील। श्‍यामाक तन्‍द्रा भंग भऽ गेल छल, नीलक चि‍र परि‍चि‍त हँसि‍ सुनि‍, नील आश्चर्यचकि‍त होइत प्रसन्न भऽ कहने छलाह-
 
श्‍यामा, माइ डि‍यर फ्रेंड हमरा बि‍सवास होइत अछि‍, अहाँ फेर भेँट हएत। श्‍यामा अहाँ अखनो ओहि‍ना सुन्‍दर छी, यु आर टु मच ब्‍युटि‍फूल यार, आइ कैन नॉट वि‍लि‍भ।‍
और पुन: ठहाका माइर‍ हँसने छलाह। नील संगक युवतीसँ श्‍यामाक परि‍चए करबैत कहने छलाह-
श्‍यामा, मीट माइ वाइफ नीलि‍मा, ओना हमर नीलू- नीलू माइ वेस्‍ट फ्रेंड श्‍यामा।
नीलू बहुत शालीनतासँ श्‍यामाक अभि‍वादन करैत कहने छलीह-
गुड मॉनि‍ंग मैम।‍ और नील हँसेत बाजि‍ गेल छलाह-
देखू हम आइयो अहाँक पसन्‍दक ब्‍लू पैंट शर्ट पहि‍रने छी।‍ कि‍छु आॅपचारि‍क गप्‍प भेल छल। एयरपोर्टपर एनाउन्‍समेंट भऽ रहल छल, संभवत: नीलक फ्लाइटक समए भऽ गेल छल। श्‍यामा पाछाँसँ नील और श्‍यामाक जोड़ी नि‍हारैत रहि‍ गेल छलीह। कतेक सुन्‍दर जोड़ी अछि‍- राधा-कृष्‍ण सदृश। नीलि‍मा कतेक सुन्‍दर छथि‍, एकदमसँ नील जोगड़क। लगैत अछि‍ जेना ब्रह्मा फुर्सतमे नीलि‍माकेँ गढ़ने होएथि‍न। सुन्‍दर, सुडॉल शरीर, श्‍वेत वर्ण, सुन्‍दर लम्‍बाइ, उमंग और उत्‍साहसँ पूर्ण नीलि‍मा। नीलि‍माक प्रत्‍येक हाव-भाव सुसंस्‍कृत होएवाक परि‍चायक अछि‍। श्‍यामा अपलक देखैत रहि‍ गेल छलीह। ताबत धरि‍ जाबत दुनू श्‍यामाक आँखि‍सँ ओझल नै भऽ गेल छलथि‍।
घर अएलाक पश्‍चात् बि‍नु कि‍छु सोचने आएना लग आबि‍ अपनाकेँ देखए लागल छलीह। केशक एकटा लटमे कि‍छु श्‍वेत केश देखि‍ श्‍यामाकेँ आश्चर्य भेल छलनि‍ जे अखन धरि‍ हुनक नजरि‍ ऐ ‍पर नै‍ पड़ल छल। फेर जेना श्‍यामाकेँ संकोच भेल छलनि‍ जे अबैत देरी आखि‍र अएनामे की देखि‍ रहल छथि‍। भरि‍सक नीलक प्रशंसा अखनो श्‍यामाकेँ ओहि‍ना आह्लादि‍त कऽ गेल छल। ई तँ कि‍छु वर्ष पहि‍ने होइत छल। आब तँ प्राय: श्‍यामा नीलकेँ, नीलक संग बि‍ताएल क्षणकेँ बि‍सरवाक प्रयास कऽ रहल छथि‍। आखि‍र नील अखन धरि‍ श्‍यामाक मस्‍ति‍ष्‍कपर ओहि‍ना आच्‍छादि‍त छथि‍। समैक अन्‍तराल कि‍छु मि‍टा नै सकल। मि‍टा देलक तँ श्‍यामाक जि‍नगी, श्‍यामाक खुशी। श्‍यामाक जि‍नगी भग्‍न खण्‍डहर बनि‍ कऽ रहि‍ गेल, जइ‍मे नील आइ हुलकी दऽ गेल छलाह। की नील अखन धरि‍ श्‍यामाकेँ बि‍सरने नै छथि‍? श्‍यामाक पसन्‍द अखनो मोन छन्‍हि‍? श्‍यामाक महत्‍व अखनो बाँचल अछि‍? नै तँ नील एना नै बजि‍तथि‍।

चारू-कात देखलनि‍, ओछाओनसँ लऽ कऽ टेबुल धरि‍ कि‍ताब छि‍ड़ि‍याएल छल। मोन थोड़ेक खौंझा गेल छलनि‍, एह अस्‍त-व्‍यस्‍त घरक हालत देखि‍। तथापि‍ कि‍ताब एक कात कऽ श्‍यामा अशोथकि‍त भऽ ओछाओनपर पड़ि‍ रहल छलीह। मोन एकदम थाकि‍ गेल छल, मुदा दि‍माग सोचनाइ नै छोड़ि‍ रहल छल। श्‍यामा अपन आदति‍ अनुसार डायरी लि‍खैले बैस गेल छलीह।

आजुक पन्ना-नीलक नाओं-
नील, आजुक पन्ना अहाँक नाओं अछि‍। हमरा बूझल अछि‍, आब नै तँ हमर डायरी कहि‍यो जबरदस्‍ती पढ़ब, नै हमरा पढ़ब। नील पाँच वर्ष अहाँक संग बि‍ताएल अवधि‍ हमर जीवनक संचि‍त पूँजी थि‍क, ऐ पूँजीकेँ बड़ नुका कऽ मोनक कोनमे राखने छलौं। कतौ ऐ अमूल्‍य नि‍धि‍केँ बॉटबाक इच्‍छा नै छल, कागजक पन्नोपर नै‍। मुदा आइ एतेक पैघ अन्‍तरालक पश्‍चात, अहाँकेँ देखि‍ मोन अपना वशमे नै रहल। मोन की हमरा वशमे अछि‍। अहाँक संग रहि‍ हम तँ दि‍न-दुनि‍याँ बि‍सरि‍ गेल छलौं, कहि‍यो कि‍छु कहबाक इच्‍छा होएबो कएल तँ अहाँ सुनए लेल तैयार नै भेलौं। अहाँ सतत् कहैत रहलौं-
हमरा अहाँक मध्‍य नै कहि‍यो तेसर मनुष आएत और नै कोनो व्‍यर्थक गप्‍प, बस मात्र हम और अहाँ, और कि‍छु नै‍।‍ हम मन्‍त्र मुग्‍ध भऽ अहाँक गप्‍प सुनैत सभ कि‍छु बि‍सरि‍ गेल छलौं। मुदा आइ सभ कि‍छु बदलि‍ गेल। आइ जँ सभ कि‍छु लि‍ख अहाँकेँ समर्पित नै कऽ देब तँ मोन और बेचैन भऽ जाएत। अहाँ हमरासँ दूर भऽ गेल छी, तथापि‍ आइ सभ कि‍छु, जे नै कहि‍ सकल छलौं, हम डायरीमे लि‍ख रहल छी। जखन हम अपनाकेँ अहाँकेँ समर्पित कऽ देलौं, तखन कि‍छु बचा कऽ राखब उचि‍त नै‍।

हमर पि‍ता उच्‍च वि‍द्यालयमे शि‍क्षक छलाह, नाओं छलनि‍ पं. दि‍वाकर झा। हम दु बहि‍न एक भाए छी, हम सभसँ पैघ, बहि‍न श्‍वेता और भाए वि‍कास। हमर वर्ण कि‍छु कम छल, तइ‍ कारणे बाबूजी आवेशमे हमर नाओं रखलनि‍‍ श्‍यामा। बाबूजी हरदम कहैत छलाह-
ई हमर बेटी नै बेटा छथि‍, हमर जीवनक गौरव छथि‍ श्‍यामा। छोट बहि‍नक नाओं श्‍वेता अछि‍, श्‍वेता गौर वर्णक छथि‍, तँए माए श्‍वेता नाओं राखने छलथि‍न। मैट्रि‍कमे हमरा फर्स्‍ट डि‍वि‍जन भेल तँ बाबूजी कतेक प्रसन्न भेल छलाह। महावीर जीकेँ लड्डु चढ़ौने छलाह। सौंसे महल्‍ला अपनहि‍सँ प्रसादक लड्डु‍ बाँटने छलाह। हमरा जि‍द्दसँ कॉलेजमे हमर नाओं लि‍खओल गेल छल। माए तँ वि‍रोध कएने छलीह। जखन हम बी.ए. पास कऽ गेलौं, तँ हमर बि‍आहक चि‍न्‍ता बाबू जीकेँ होमए लागल छलनि‍। एकठाम बि‍आह ठीक भेल तँ बड़क माए-बहि‍न हमरा देखए लेल आएल छलथि‍, मुदा श्‍वेताकेँ पसि‍न्न करैत अपन नि‍र्णए सुना देने छलथि‍न जे अपन बेटाक बि‍आह श्‍वेतासँ करब। बाबूजी कतेक दुवि‍धामे पड़ि‍ गेल छलाह। पैघ बहि‍नसँ पहि‍ने छोटक बि‍आह केना संभव अछि‍। मुदा माए-बाबूजी केँ बुझाबैत कहने छलथि‍न-जे काज भऽ जाइत छैक से भऽ जाइत छैक। बि‍आह तँ लि‍खलाहा होइत छैक। नील शास्‍त्रक कथन अछि‍-माए बापक असि‍रवाद फलि‍त होइत छैक। जँ असि‍रवाद‍ फलि‍त होइत छैक तँ माए बापक नि‍र्णए सन्‍तानक भाग्‍यक नि‍र्धारण सेहो करैत हेतैक। भरि‍सक माएक नि‍र्णए हमर भवि‍ष्‍य भऽ गेल। श्‍वेताक बि‍आह ओइ वरसँ भऽ गेलनि‍।

आइ डोमेस्‍टि‍क एयर पोर्ट दि‍ल्‍लीमे श्‍यामाक भेँट नीलसँ भेल छलनि‍। श्‍यामा थोड़ेक काल धरि‍ हतप्रभ रहि‍ गेल छलीह। नील-नील कहि‍ मोनक कोनो कोनमे हहाकारक लहरि‍ उठि‍ गेल छल। एतेक वर्ष बीत गेल। नील अखनो ओहने छथि‍, कोनो परि‍वर्त्तन नै भेल छन्‍हि‍। आकर्षक नील, हँसमुख नील, पुर्ण पुरुष नील, उच्‍च पदस्‍थ नील, नील-नील। श्‍यामा कहि‍यो नीलकेँ बि‍सरि‍ नै सकल छलीह। सभटा प्रयासश्‍यामाक वि‍फल भऽ गेल छल। नील सदि‍खन छाया सदृश श्‍यामाक संग लागले रहलथि‍। नील कतेक दूर भऽ गेल रुष, श्‍यामा आब चाहि‍यो कऽ नीलकेँ स्‍पर्श नै कऽ सकैत छथि‍, ओहि‍ना जेना छाया संग रहि‍तौं स्‍पर्श नै कएल जा सकैत अछि‍, मनुष्‍यक संग छायाक अस्‍ति‍त्‍व तँ सदि‍खन रहैत छैक, मुदा ओकर आकार तँ सदि‍खन नै रहैत छैक। श्‍यामाक जि‍नगी नील, श्‍यामाक सोच नील, श्‍यामाक सभ ि‍कछु नील। श्‍यामाक तन्‍द्रा भंग भऽ गेल छल, नीलक चि‍र परि‍चि‍त हँसि‍ सुनि‍, नील आश्चर्यचकि‍त होइत प्रसन्न भऽ कहने छलाह-
श्‍यामा, माइ डि‍यर फ्रेंड हमरा बि‍सवास होइत अछि‍, अहाँ फेर भेँट हएत। श्‍यामा अहाँ अखनो ओहि‍ना सुन्‍दर छी, यु आर टु मच ब्‍युटि‍फूल यार, आइ कैन नॉट वि‍लि‍भ।‍
और पुन: ठहाका माइर‍ हँसने छलाह। नील संगक युवतीसँ श्‍यामाक परि‍चए करबैत कहने छलाह-
श्‍यामा, मीट माइ वाइफ नीलि‍मा, ओना हमर नीलू- नीलू माइ वेस्‍ट फ्रेंड श्‍यामा। 
नीलू बहुत शालीनतासँ श्‍यामाक अभि‍वादन करैत कहने छलीह-
गुड मॉनि‍ंग मैम।‍ और नील हँसेत बाजि‍ गेल छलाह-
देखू हम आइयो अहाँक पसन्‍दक ब्‍लू पैंट शर्ट पहि‍रने छी।‍ कि‍छु आॅपचारि‍क गप्‍प भेल छल। एयरपोर्टपर एनाउन्‍समेंट भऽ रहल छल, संभवत: नीलक फ्लाइटक समए भऽ गेल छल। श्‍यामा पाछाँसँ नील और श्‍यामाक जोड़ी नि‍हारैत रहि‍ गेल छलीह। कतेक सुन्‍दर जोड़ी अछि‍- राधा-कृष्‍ण सदृश। नीलि‍मा कतेक सुन्‍दर छथि‍, एकदमसँ नील जोगड़क। लगैत अछि‍ जेना ब्रह्मा फुर्सतमे नीलि‍माकेँ गढ़ने होएथि‍न। सुन्‍दर, सुडॉल शरीर, श्‍वेत वर्ण, सुन्‍दर लम्‍बाइ, उमंग और उत्‍साहसँ पूर्ण नीलि‍मा। नीलि‍माक प्रत्‍येक हाव-भाव सुसंस्‍कृत होएवाक परि‍चायक अछि‍। श्‍यामा अपलक देखैत रहि‍ गेल छलीह। ताबत धरि‍ जाबत दुनू श्‍यामाक आँखि‍सँ ओझल नै भऽ गेल छलथि‍।
घर अएलाक पश्‍चात् बि‍नु कि‍छु सोचने आएना लग आबि‍ अपनाकेँ देखए लागल छलीह। केशक एकटा लटमे कि‍छु श्‍वेत केश देखि‍ श्‍यामाकेँ आश्चर्य भेल छलनि‍ जे अखन धरि‍ हुनक नजरि‍ ऐ ‍पर नै पड़ल छल। फेर जेना श्‍यामाकेँ संकोच भेल छलनि‍ जे अबैत देरी आखि‍र अएनामे की देखि‍ रहल छथि‍। भरि‍सक नीलक प्रशंसा अखनो श्‍यामाकेँ ओहि‍ना आह्लादि‍त कऽ गेल छल। ई तँ कि‍छु वर्ष पहि‍ने होइत छल। आब तँ प्राय: श्‍यामा नीलकेँ, नीलक संग बि‍ताएल क्षणकेँ बि‍सरवाक प्रयास कऽ रहल छथि‍। आखि‍र नील अखन धरि‍ श्‍यामाक मस्‍ति‍ष्‍कपर ओहि‍ना आच्‍छादि‍त छथि‍। समैक अन्‍तराल कि‍छु मि‍टा नै सकल। मि‍टा देलक तँ श्‍यामाक जि‍नगी, श्‍यामाक खुशी। श्‍यामाक जि‍नगी भग्‍न खण्‍डहर बनि‍ कऽ रहि‍ गेल, जइ‍मे नील आइ हुलकी दऽ गेल छलाह। की नील अखन धरि‍ श्‍यामाकेँ बि‍सरने नै छथि‍? श्‍यामाक पसन्‍द अखनो मोन छन्‍हि‍? श्‍यामाक महत्‍व अखनो बाँचल अछि‍? नै तँ नील एना नै बजि‍तथि‍।
चारू-कात देखलनि‍, ओछाओनसँ लऽ कऽ टेबुल धरि‍ कि‍ताब छि‍ड़ि‍याएल छल। मोन थोड़ेक खौंझा गेल छलनि‍, एह अस्‍त-व्‍यस्‍त घरक हालत देखि‍। तथापि‍ कि‍ताब एक कात कऽ श्‍यामा अशोथकि‍त भऽ ओछाओनपर पड़ि‍ रहल छलीह। मोन एकदम थाकि‍ गेल छल, मुदा दि‍माग सोचनाइ नै छोड़ि‍ रहल छल। श्‍यामा अपन आदति‍ अनुसार डायरी लि‍खैले बैस गेल छलीह।

आजुक पन्ना-नीलक नाओं-
नील, आजुक पन्ना अहाँक नाओं अछि‍। हमरा बूझल अछि‍, आब नै तँ हमर डायरी कहि‍यो जबरदस्‍ती पढ़ब, नै हमरा पढ़ब। नील पाँच वर्ष अहाँक संग बि‍ताएल अवधि‍ हमर जीवनक संचि‍त पूँजी थि‍क, ऐ पूँजीकेँ बड़ नुका कऽ मोनक कोनमे राखने छलौं। कतौ ऐ अमूल्‍य नि‍धि‍केँ बॉटबाक इच्‍छा नै छल, कागजक पन्नोपर नै‍। मुदा आइ एतेक पैघ अन्‍तरालक पश्‍चात, अहाँकेँ देखि‍ मोन अपना वशमे नै रहल। मोन की हमरा वशमे अछि‍। अहाँक संग रहि‍ हम तँ दि‍न-दुनि‍याँ बि‍सरि‍ गेल छलौं, कहि‍यो कि‍छु कहबाक इच्‍छा होएबो कएल तँ अहाँ सुनए लेल तैयार नै भेलौं। अहाँ सतत् कहैत रहलौं-
हमरा अहाँक मध्‍य नै कहि‍यो तेसर मनुष आएत और नै कोनो व्‍यर्थक गप्‍प, बस मात्र हम और अहाँ, और कि‍छु नै‍।‍ हम मन्‍त्र मुग्‍ध भऽ अहाँक गप्‍प सुनैत सभ कि‍छु बि‍सरि‍ गेल छलौं। मुदा आइ सभ कि‍छु बदलि‍ गेल। आइ जँ सभ कि‍छु लि‍ख अहाँकेँ समर्पित नै कऽ देब तँ मोन और बेचैन भऽ जाएत। अहाँ हमरासँ दूर भऽ गेल छी, तथापि‍ आइ सभ कि‍छु, जे नै कहि‍ सकल छलौं, हम डायरीमे लि‍ख रहल छी। जखन हम अपनाकेँ अहाँकेँ समर्पित कऽ देलौं, तखन कि‍छु बचा कऽ राखब उचि‍त नै‍।

हमर पि‍ता उच्‍च वि‍द्यालयमे शि‍क्षक छलाह, नाओं छलनि‍ पं. दि‍वाकर झा। हम दु बहि‍न एक भाए छी, हम सभसँ पैघ, बहि‍न श्‍वेता और भाए वि‍कास। हमर वर्ण कि‍छु कम छल, तइ‍ कारणे बाबूजी आवेशमे हमर नाओं रखलनि‍‍‍ श्‍यामा। बाबूजी हरदम कहैत छलाह-
ई हमर बेटी नै बेटा छथि‍, हमर जीवनक गौरव छथि‍ श्‍यामा। छोट बहि‍नक नाओं श्‍वेता अछि‍, श्‍वेता गौर वर्णक छथि‍, तँए माए श्‍वेता नाओं राखने छलथि‍न। मैट्रि‍कमे हमरा फर्स्‍ट डि‍वि‍जन भेल तँ बाबूजी कतेक प्रसन्न भेल छलाह। महावीर जीकेँ लड्डु चढ़ौने छलाह। सौंसे महल्‍ला अपनहि‍सँ प्रसादक लड्डु‍ बाँटने छलाह। हमरा जि‍द्दसँ कॉलेजमे हमर नाओं लि‍खओल गेल छल। माए तँ वि‍रोध कएने छलीह। जखन हम बी.ए. पास कऽ गेलौं, तँ हमर बि‍आहक चि‍न्‍ता बाबू जीकेँ होमए लागल छलनि‍। एकठाम बि‍आह ठीक भेल तँ बड़क माए-बहि‍न हमरा देखए लेल आएल छलथि‍, मुदा श्‍वेताकेँ पसि‍न्न करैत अपन नि‍र्णए सुना देने छलथि‍न जे अपन बेटाक बि‍आह श्‍वेतासँ करब। बाबूजी कतेक दुवि‍धामे पड़ि‍ गेल छलाह। पैघ बहि‍नसँ पहि‍ने छोटक बि‍आह केना संभव अछि‍। मुदा माए-बाबूजीकेँ बुझाबैत कहने छलथि‍न-जे काज भऽ जाइत छैक से भऽ जाइत छैक। बि‍आह तँ लि‍खलाहा होइत छैक। नील शास्‍त्रक कथन अछि‍-माए बापक असि‍रवाद फलि‍त होइत छैक। जँ असि‍रवाद‍ फलि‍त होइत छैक तँ माए बापक नि‍र्णए सन्‍तानक भाग्‍यक नि‍र्धारण सेहो करैत हेतैक। भरि‍सक माएक नि‍र्णए हमर भवि‍ष्‍य भऽ गेल। श्‍वेताक बि‍आह ओइ वरसँ भऽ गेलनि‍।

अर्थशास्‍त्रक एम.ए. कएलाक पश्‍चात वि‍श्ववि‍द्यालयक पी.जी. डि‍पार्टमेन्‍टमे हमरा लेक्‍चररक नौकरी भऽ गेल। तइ‍ दि‍न हमरा बुझाएल छल, जेना जीवनक सभटा उद्देश्‍य पूरा भऽ गेल अछि‍। बुझबे नै कएलौं, जे एकरा आगाँ सेहो जिनगी छैक। जाबत बुझलौं ताबत सभ समाप्‍त भऽ गेल छल। जखन पढ़ैत छलौं, महि‍ला शि‍क्षि‍काक पहि‍रब ओढ़ब, वेश-भूषा हमरा वड़ आकषिर्‍त करैत छल। हमरा आदर्शमे इहो समाहि‍त भऽ गेल छल। हल्‍लुक रंग साड़ी पहि‍रब हमर शौख भऽ गेल छल, भरि‍सक तँए हमर जि‍नगी रंग वि‍हि‍न भऽ गेल। खैर, बाबुजीक प्रसन्नताक कोनो सीमा नै छलैन्‍हि‍। कि‍छु मासक बाद बाबुजी रि‍टायर भऽ गेल छलाह। स्‍कूलक शि‍क्षकक दरमाहा कम छल, बाबूजीक पेंशनसँ घरक खर्च, वि‍कासक इन्‍जि‍नि‍यरि‍ंगक पढ़ाइ संभव नै छल। हमरा पहि‍ल बेर जहि‍ना दरमाहा भेटल, माएक हाथमे राखि‍ देने छलौं, तकरा बाद ई एकटा निअम बनि‍ गेल छल। मुदा बाबुजीक मोनमे सतत् एकटा अपराध बोध होइत छलैन्‍ह। बाबुजी मुँहसँ तँ कि‍छु नै बजैत छलाह, मुदा हुनक आँखि‍ सभ कि‍छु कहि‍ दैत छल। कि‍छु दि‍नक बाद बाबुजी एकदमसँ चुप रहए लागल छलाह। माएक व्‍यवहारमे सेहो परि‍वर्त्तन भऽ गेल छलैन्‍ह। हमरा प्रति‍ बाबुजी माएक सि‍नेह क्रमश: आदरमे परि‍वर्तित होअए लागल छल। शुरू-शुरूमे ऐ आदरसँ हम कतेक असहज भऽ जाइत छलौं, पहि‍ने छोट-छोट चीज लेल जि‍द्दक अधि‍कार छल, मुदा ई आदर तँ हमरा बहुत रास अधि‍कारसँ वंचि‍त कऽ देलक। हमरा सतत् लगैत छल जे आहि‍स्‍ता-आहि‍स्‍ता कर्त्तव्‍य मजबूत पाशमे हम बान्‍हल जा रहल छी। हमर स्‍वतन्‍त्रता छोट होइत गेल और हम असमए पैघ होइत गेलौं। ताबत धरि‍ हम बुझवे नै कएलौं जे प्रत्‍येक मनुष्‍यक व्‍यक्‍ति‍गत जि‍नगी होइत अछि‍, भवि‍ष्‍यक कल्‍पना होइत अछि‍ और होइत अछि‍ उमंग, उत्‍साह।
बाबुजीक मृत्‍यु हार्ट अटैक सँ भऽ गेलनि‍। मृत्‍युकाल बाबुजीक मुँहपर आच्‍छादि‍त नि‍रीह भाव, आँखि‍मे पश्‍चाताप, ओहि‍ना मोन अछि‍। बाबुजीक मुँहसँ कि‍छु नै कहलैथ, मुदा हुनका आँखि‍क कातरता सभ कि‍छु कहि‍ गेल। आब हम घरक मात्र बेटी नै रहि‍ गेल छलौं। हम घरक कमौआ बेटी, पालन केनि‍हारि‍ गार्जियन भऽ गेल छलौं। वि‍कास पढ़ैत छलाह, हुनक पढ़ाइ, बि‍आह सभटा हमर उत्तरदायि‍त्‍व भऽ गेल। ई छोट-छीन गृहस्‍थी समैक अनुसार चलैत रहल। वि‍कासक पढ़ाइ समाप्‍त भऽ गेल छलनि, बि‍आह लेल कन्‍यागत आबए लागल छलाह। वि‍काससँ हम बि‍आह लेल पुछलौं, पहि‍ने तँ ओ तैयार नै भेलाह, बेर-बेर कहैत रहलाह-
दीदी, जाबत अहाँक बि‍आह अएत, हम बि‍आह नै करब। कतेक बुझौने छलौं, अन्‍तमे हमरा कहए पड़ल जे अहाँक बि‍आह, सेट्लमेन्‍ट, अहाँक घर बसाएब हमर दायि‍त्‍व अछि‍, तखन वि‍कास स्‍वीकृति‍ देने छलाह। कतेक उत्‍साहसँ वि‍कासक बि‍आह कएने छलौं। पी.एफ.सँ अधि‍कतम लोन लऽ कऽ सभटा खर्च कएलौं। एक-एक वस्‍तु कपड़ा, गहना माए अपना इच्‍छासँ कीनने छलीह। वि‍कासक बि‍आह सम्‍भ्रान्‍त परि‍वारमे भेल, कनि‍या पढ़ल-लि‍खल सुन्‍दर सुशील छथि‍। मुदा एकटा बात अछि‍, सुशीलो व्‍यक्‍ति‍ मुँहसँ कहि‍यो एह कटुसत्‍य बहरा जाइत अछि‍, जकर प्रहारसँ दोसरक आत्‍मा छि‍न्न-भि‍न्न भऽ जाइत छैक। एकबेरक घटना हमरा अखन धरि‍ बि‍सरल नै भेल अछि‍, होएबो नै करत। वि‍कासक बेटा मोनु स्‍कूल गेल छल, स्‍कूलसँ अएबामे थोड़ेक देरी भऽ रहल छलैक। वि‍कासक कनि‍याँ पूजाक बेचैनी देखि‍ हमरा रहल नै गेल। हम पूजाकेँ भरोस दैत कहने छलौं-
परेशान नै होउ, मोनु अबैत हएत, कि‍छु कारण भऽ गेल हेतैक।‍
पूजा नि‍छोह भेल बाजि‍ गेल छलीह-
अहाँ की बुझबैक सन्‍तानक दर्द। एतेक सुनै
हम अवाक रहि‍ गेल छलौं। पूजा कहलैथ तँ सत्‍य। मुदा ई सत्‍य एतेक कटु छल जे हमर आत्‍मा क्षत-वि‍क्षत भऽ गेल। की हमरा मोनमे मोनु, पूजा आ वि‍कास लेल सि‍नेह नै छल। की मात्र कोखि‍सँ जन्‍म देलासँ मातृत्‍वक भाव अबैत छैक? की हम वि‍कासक भवि‍ष्‍यक चि‍न्‍तामे अपन जीवन उत्‍सर्ग नै कऽ देलौं? हमर एतवे महत्‍व। खैर पूजा नै बुझैत छथि‍ तइ‍सँ की। वि‍कास तँ हमरा बुझैत छथि‍। यएह सोचि‍ मोनकेँ सांत्‍वना दैत रहलहु। मुदा मोन की सांत्‍वनाक भाषा बुझैत छैक। मुँहसँ तँ कि‍छु नै बाजि‍ सकलौं। मुदा तकरा पश्‍चात् एकटा हीन-भाव क्रमश: हमरा मोनमे बढ़ैत गेल। आब बेधड़क मोनुकेँ दुलारो करवामे हमरा संकोच होअए लागल छल। पहिने हम जइ‍ अधि‍कारसँ पूजा मोनुक संग रहैत छलौं, आब संकोच होअए लागल छल। नै जानि‍ कोन बात पूजाकेँ अप्रि‍य लागि‍ जएतनि‍, कि‍छु कहैसँ पहि‍ने अनायास सर्तक भऽ जाइत छलौं। कि‍छु दि‍नक बाद वि‍कासकेँ इग्‍लैण्‍डमे बढ़ि‍या नौकरी भऽ गेल छलैन्‍ह। ि‍वकास हमर सहमति‍क बाद वि‍देशक नौकरी स्‍वीकार कएने छलाह। आइओ मोन अछि‍, जइ‍ दि‍न वि‍कास सपरि‍वार वि‍देश गेल छलाह, ओइ राति‍ हमरे बि‍छाैनपर सूतल छला। वि‍कास कतेक कानल छलाह, हमहूँ अपनाकेँ रोकि‍ नै सकल छलौं। वि‍कास जाइतो काल एकेटा बात कहने छलाह-
दीदी, बाब अहाँ केना रहब, अपन ख्‍याल राखब।‍ ओना वि‍कास छथि‍ तँ हमरासँ छह वर्ष छोट, मुदा परि‍वारक परि‍स्‍थि‍ति‍ हुनकहुँ बुजुर्ग बना देने छल। वि‍कास छोट छथि‍, तइ‍सँ की। यएह उत्तरदायि‍त्‍व बोध तँ पुरुषक पुरुषत्‍वक छि‍ऐक, जइ‍सँ ओ परि‍वारक गार्जियन भऽ जाइत अछि‍। बाबुजीक मृत्‍युक पश्‍चात वि‍कास टुटलथि‍ नै‍, कि‍एक तँ सहारा हम भऽ गेल छलौं। मुदा जाबत वि‍कास सभ तरहसँ व्‍यवस्‍थि‍त भऽ गेलथि‍। हमरो उत्तरदायि‍त्‍व लेबए चाहैत छलाह। खैर वि‍कास वि‍देश चलि‍ गेलथि‍। हमहूँ नि‍श्‍चि‍न्‍त भऽ गेल छलौं। आब घरमे मात्र हम और माए बचि‍ गेल छलौं। कोनो उत्‍साह नै‍, समए अपनहि‍ बि‍तैत जाइत अछि‍, जि‍नगीओ बि‍त रहल छल। 

ओइ समएमे नील वसंतक झोंक बनि‍ अहाँ हमर जि‍नगीमे आएल छलौं। हमरा अखनो ओहि‍ना मोन अछि‍, हम कॉलेज जएबा लेल तैयार भऽ कऽ घरसँ नि‍कलल छलौं। रि‍क्‍शा थोड़ेक दूर चौराहापर भेटैत छल। अहाँ हमरा बगलमे गाड़ी रोकि‍ कतेक बि‍सवाससँ बाजल छलौं-
हम नील, एयर इण्‍डि‍यामे पाएलट छी, अहाँक पड़ोसी, अहाँ कतए जाएब, चलू छोड़ि‍ दैत छी।‍ हम नि‍र्विकार स्‍वरे अहाँक अस्‍वीकार कऽ देने छलौं। अहाँ फेर बाजल छलौं-
हम अपना परि‍चए तँ दऽ देलौं, अहुँ तँ कि‍छु बाजु।‍

हम अहाँकेँ टारवाक उद्देश्‍यसँ कहने छलौं-
हमर नाओं श्‍यामा छी, और हम वि‍श्ववि‍द्यालयक पोस्‍ट ग्रेजुएट वि‍भागमे अर्थशास्‍त्र पढ़बैत छी।‍

अहाँ कनेक मुस्‍कुराइत, हमरा दि‍सि‍ तकैत गाड़ीमे बैस गेल छलौं। नील अहाँक मुहँक स्‍मि‍त भाव, आत्‍म-बि‍सवाससँ भरल स्‍वर, हमरा मस्‍ति‍ष्‍कमे एह कऽ अंकि‍त भऽ गेल जे एतेक वर्ष बि‍तलाक पश्‍चातो ओहि‍ना सभटा मोन अछि‍। लगैत अछि‍ जेना ई आजुक घटना थि‍क। तकरा बाद आठ दि‍न धरि‍ अहाँसँ भेँट नै भेल छल। नै जानि‍ कि‍एक कोनमे नुकाएल अहाँसँ भेँटक इच्‍छा बलवति‍ होअए लागल छल। तकरा बाद एक दि‍न जखन हम ि‍डर्पाटमेन्‍टमे बैसल छलौं, चपरासी समाद कहने छल जे वि‍जि‍टि‍ंग रूपमे एक गोटे भेँट करवा लेल बैसल छथि‍, और अहाँक कार्ड हमरा देने छल। नाओं पढ़ि‍ हम कतेक उद्वि‍ग्‍न भऽ गेल छलौं और अहाँ कतेक अह्लादि‍त होइत, मुस्‍कुराइत हमर स्‍वागत कएने छलौं। हमरा लागल छल जेना ऐ मुस्‍कुराहटसँ हम कतेक परि‍चि‍त छी। बि‍ना कि‍छु पुछने अहाँ जल्‍दी-जल्‍दी बाजल छलौं जे फ्लाइट लऽ कऽ अहाँ अमेरि‍का गेल छलौं, तइ‍ कारणे एतेक देरी भऽ गेल। कि‍ंचि‍त अहाँक हड़बड़ी बजवाक शैली सुनि‍ हमरा हँसि‍ लागि‍ गेल छल। और अहाँ आर्श्‍चचकि‍त होइत बाजल छलौं जे- भगवानक शुक्र अिछ, अहाँ हँसलौं तँ।

और कॉफि‍ हाउसक अहाँक नि‍मन्‍त्रण हम अस्‍वीकार नै कऽ सकल छलौं। ओइ दि‍न अहाँसँ दाेसर बेर भेँट कॉफी आउसमे भेल छल। बि‍ना कि‍छु पुछने अहाँ अपन वि‍षएमे कहने छलौं जे अहाँक माँ, बाबुजी दुनू डॉक्‍टर छथि‍, अहाँ बैचलर छी और माँ-बाबुजीक एक मात्र सन्‍तान छी, उम्र पचीस वर्ष अछि‍, एयर इण्‍डि‍यामे पायलट छी। हम तइ‍पर कहने छलौं जे हमर उम्र तीस वर्ष अछि‍। हमर बात सुनि‍ अहाँ हँसैत कहने छलौं जे-
दोस्‍तीमे उम्र कतएसँ आबि‍ गेल।
तकरा बाद अहाँ कहलौं जे पता लगा लेने छी जे आहाँ हॉस्‍टल सुपरि‍टेन्‍डेन्‍ट भऽ गेल छी और सुपरि‍टेन्‍डेन्‍ट क्‍वाटरमे शि‍फ्ट कऽ गेल छी। नील, हम केना कऽ कहि‍तौं जे हम अपन घर छोड़ि‍ क्‍वाटरमे कि‍एक शि‍फ्ट कऽ गेलौं। भला लाजक बात की बाजल जाइत छैक।

असलमे ई भेल छल जे श्‍वेता हमर छोट बहि‍नक पति‍क ट्रान्‍स्‍फर ऐ शहरमे भऽ गेल छल, माएक घरपर तँ श्‍वेताक अधि‍कार सेहो छल, श्‍वेता अपन पति‍ और बच्‍चाक संग माएक घरमे रहय लेल आबि‍ गेल छलीह। माएकेँ बड्ड प्रसन्नता भेल छलैन्‍ह और माएक प्रसन्नता देखि‍ हम चुप रहि‍ गेल छलौं। नै जानि‍ कि‍एक हमरा नीक नै लागल छल, यद्यपि‍ घरक वातावरण बदलि‍ गेल छल मुदा हमरा श्‍वेताक पति‍क सभ कि‍छुमे दखल अन्‍दाजी नीक नै लगैत छल। हम बेचैन रहय लागल छलौं। माए सेहो हमर भावनासँ अनभि‍ज्ञ छलीह। संयोगसँ हाेस्‍टल सुपरि‍टेन्‍डेन्‍ट बनवाक हमरा अवसर भेटल और हम ऐ अवसरकेँ वरदान बूझि स्‍वीकार कऽ लेलौं। ऐ पद लेल हमरासँ वेशी उपयुक्‍त और कोनो महि‍ला शि‍क्षि‍का नै छलीह। कि‍एक तँ सभ शादी-सुदा छथि‍, सभकेँ परि‍वार छन्‍हि‍, गृहस्‍थी छन्‍हि‍ और हमरा तँ नै आगू नाथ नै पाछू पगहा। यद्यपि‍ संजोगि‍ कऽ बसाएल घरसँ हमर ई पड़ाइन छल मुदा छल उपयुक्‍त अवसर, हम होस्‍टल शि‍फ्ट कऽ गेलौं

तकरा बाद नील, अहाँ प्रति‍दि‍न आबए लागल छलाैं पहि‍ने तँ मात्र साँझमे अबैत छलौं मुदा क्रमश: अहाँक आएब बढ़ैत गेल और हमरापर अहाँकेँ अधि‍कारो बढ़ैत गेल। अहाँ मात्र दोस्‍त नै रहि‍ गेल छलौं हमर मानस देवता बनि‍ गेल छलौं, हमर तँ जि‍नगीये बदलि‍ गेल छल। जि‍नगी एतेक सुन्‍दर होइत छैक, हम अहाँसँ सि‍खलौं। पहि‍ल बेर हमरा एहसास भेल जे हमहुँ सुन्‍दर छी, हमरो महत्व अछि‍। जीवनक एकटा नव पन्ना खुजि‍ गेल। बस सदि‍खन एकेटा काज रहि‍ गेल। अहाँक प्रतीक्षा करब, अहाँक वि‍षयमे सोचब। पहि‍ल बेर हमरा अपनापर गर्व भेल छल। नील अहाँक व्‍यक्‍ति‍व, सौम्‍य मुद्रा अहाँक न्‍योछावर भऽ जाएब, अहाँक आँखि‍ प्‍यास कतेक आत्‍मवि‍श्वास हमरामे भरि‍ देने छल। हमरा बूझल अछि‍ जे हम कतेक साधारण छी, मुदा अहाँक बाँहक गर्मकसाव, कानमे अाहि‍स्‍तासँ कहल गेल झूठ-सच बात, हमरा कतेक भरि‍ दैत छल। हम कतेक बहुमूल्‍य, कतेक गौरवमयी भऽ जाइत छलौं। लगैत छल, हमरा लग कि‍छु अछि‍ अथवा नै मुदा एकटा चीज अछि‍ अहाँक देवता लेल, एकट तृप्‍ति‍, एकटा उल्‍लास, एकटा भराव जे हम मात्र अपनाकेँ अर्पित करवाक पश्चाते दऽ सकैत छलौं।
नील, ई चारि‍ वर्ष कोना बीत गेल, हम बुझबे नै केलौं। कहि‍यो कल्‍पनो नै कने छलौं जे ऐ संबंधकेँ भवि‍ष्‍य की अछि‍। एक दि‍न अहाँ ड्युटीपर गेल छलौं, अहाँक माँ-बाबूजी आएल छलाह। अहाँक माँ मढल-लि‍खल छथि‍, हमरा कोनो अपशब्‍द नै कहलन्‍हि‍, मुदा जतेक कहने छलीह, से तँ हमर जि‍नगीये बदलि‍ देलक। हमर सभ कल्‍पना, जि‍नगी चूर-चूर भऽ गेल। तइ दि‍न जि‍नगीक ठोस धरातलक एहसास हमरा फेर भेल। अहाँक माँ, अहाँ जि‍नगीक भीख हमरासँ मांगने छलीह। हमरा तँ बुझाइत छल जे हमहीं अहाँक जि‍नगी छी। मुदा तखन हमरा बुझाएल जे हम अहाँक जि‍नगीमे राहु छी, जेकर छाया अहाँक जि‍नगीमे ग्रहण बनि‍ गेल अछि‍। कि‍ऐक तँ हमर उमर अहाँसँ पाँच वर्ष बेसी छल, हमर अवस्‍था आब वि‍वाह करबा जेागर नै छल। हमर प्रेम नै व्‍यापार छल। नील हम तँ ऐ दृष्‍टि‍कोणसँ अपन मूल्‍यांकन नै केने छलौं। और फेर हम एक बेर पलायन केलौं, अपना जि‍नगीसँ अहाँक जि‍नगीसँ। फेर वएह कर्त्तव्‍यक मजबूत पाश, जे पहि‍ने तँ अपन परि‍वार लेल हमरा बान्‍हि‍ देने छल आब अहाँक परि‍वार लेल।

नील, भरि‍सक अहुँकेँ मोन हएत। कि‍एक तँ जखन हमर पसन्‍दक ब्‍लू पेन्‍ट-शर्ट अखन धरि‍ मोन अछि‍ तँ ओ अन्‍ति‍म राति‍ जरूर मोन हएत। अहाँ साँझमे आएल छलौं, अहाँक पाछाँ हमर जीवनमे कोन बवंडर उठि‍ गेल अहाँ बि‍ना कहने कोना बुझि‍तौं। आखि‍र अपन स्‍त्रीत्‍वक एतेक पैघ अपमान केना बाजल जा सकैत अछि‍। आन दि‍न जकाँ हम सोफापर बैसल छलौं और अहाँ नील कालि‍नपर बैसि‍ हमरा कोरामे एकटा नि‍श्‍छल बच्‍चा जकाँ माथ राखि‍ सुति‍ गेलौं। ड्यूटीपरी सँ एलाक बाद अहाँ थाकि‍ जे गेल छलौं। मुदा हमरा तँ नै आँखि‍मे नि‍न्न छल, नै मोनमे चैन। सूतलमे अहाँक ि‍नर्दोष मुँह देखि‍, भरि‍ राति सोचलाक बाद कठोर ि‍नर्णए लऽ लेने छलौं, जे आब अहाँसँ कोनो सम्‍बन्‍ध नै राखब। सुखक एतबे दि‍न हमरा भाग्‍यमे अछि‍। अहाँकेँ हमरा छोड़ेयै पड़त। नील, तकरा बाद हमर मोन थेड़ेक आश्वस्‍त भऽ गेल छल, कनी आँखि‍ लागि‍ गेल छल। नीन्न टुटल तँ भोरक चारि‍ बाजि‍ रहल छल, मुदा चारू दि‍स पवि‍त्र, शान्‍त और प्रकाशमय लागि‍ रहल छल। हमरा ओ भोर अखनौं ओहि‍ना मोन अछि‍ कि‍एक तँ फेर हमरा ओहन शान्‍ति‍, ओहन पवि‍त्र प्रकाश, ओहन ताजगी, ओहन मोनक पसरल उदार हरि‍त-वर्ण वापस नै भेटल।
नील, हम अहाँकेँ अपन सप्‍पत दैत हमरासँ कोनो प्रकारक सम्‍पर्क नै राखबाक प्रार्थना केने छलौं। नील अहुँ तँ हमर सप्‍पतक मान रखैत अपन वचनक ि‍नर्वाह करैत रहलौं। आन दि‍न तँ अहाँ हमर कोनो बात नै सुनैत छलौं, जे इच्‍छा होइत छल, अपन जि‍द्दसँ अधि‍कार बूझि‍ सएह करैत छलौं। मुदा जीवनक एतेक महत्वपूर्ण ि‍नर्णएमे अहाँ हमर संग कि‍एक देलौं। सम्‍पूर्ण जीवन संग बि‍तेबाक अहाँक प्रति‍ज्ञा हमरा अागाँ कि‍एक छोट भऽ गेल। और सभ दि‍न तँ जि‍द्दी बच्‍चा जकाँ अपन बात मनवा लैत छलौं मुदा तइ दि‍न भरि‍सक हमर दृढ़ नि‍श्चय देखि‍ चुप-चाप अहाँ रहि‍ गेल छलौं। खैर नील, अहाँ चलि‍ गेलौं।
नील अहाँकेँ मोन अछि‍, एक बेर लाल रंगक साड़ी अहाँ हमरा लेल अनने छलौं, पहि‍ल बेर गाढ़ लाल रंगक साड़ी देखि‍ हमरा सुखद आश्चर्य भेल छल। अहाँक जि‍द्दसँ साड़ी पहि‍र ऐनामे अपनाकेँ देखि‍ हमरा कतेक संकोच भेल छल। अहाँ कतेक प्रसन्न भेल छलौं। अहाँ कहने छलौं-
फ्रेन्‍ड, यू आर टु मच ब्‍युटि‍फुल यार।
हमहुँ अहाँकेँ बूझल नै हएत, कॉलेज जीवनमे हल्‍लुक रंगक साड़ी पहि‍रने, शांत सौम्‍य अपन शि‍क्षि‍का लोकनि‍केँ देखि‍, हमर सएह आदर्श भऽ गेल छल। मुदा ई आदर्श तँ हमर जि‍नगीकेँ रंगहीन बना देलक। एतेक धरि‍ जे हमर माए सेहो नै बुझलन्‍हि‍, जे रंगक बि‍ना जीवन कहेन उदास भऽ जाइत छैक। आन दि‍नक तँ गप्‍प छोड़ु वि‍कासक वि‍वाहोमे माए हमरा लेल हल्‍लुक रंग साधारण सुती साड़ी कीन कऽ आनने छलीह। नील माए-बाप तँ सन्‍तानक जीवनमे रंग भरैत छैक, माएकेँ हमरा लेल ई बुझबाक कहि‍यो पलखति‍ नै भेटलन्‍हि‍, यएह रंगहीन हमर जि‍नगी बनि‍ गेल। अहाँ हमरा जि‍नगीमे देवदूत बनि‍ एलौं हमर काया बदलि‍ गेल, सभ कि‍छु बदलि‍ गेल मुदा कतेक दि‍न लेल?