महिरम
इण्डिया-अमेरिकाक बीच क्रिकेट खेल शुरू भेल।
बेर-बेर रेडियोमे सुनने रहिऐ जे छह बजेसँ शुरू हएत। संगी सबहक संगे रेडियो सुनए
लगलौं, बारह बजे जाइत-जाइत खेल खतम भेल, अमेरिका हारि गेल, इण्डिया जीतल। मन
खुशी रहबे करए गामपर एलौं। जेना लाल भाय हमरे ताकमे बैसल होथि तहिना देखिते
पूछि देलनि-
“केतए गेल छेलँह?”
हमरो मन खुशी रहबे करए, कहलियनि-
“लाल भाय, इण्डिया जीत गेल!”
ओ रन-तन नै पुछलनि। पुछलनि-
“इण्डियाक केते लोक नोकरी करैए आ ओकर नून खाइए
से बूझल छौ?”
कहलियनि-
“नै।”
खाधि देखि जेना एक्केबेर साइकिलक ब्रेक लइ छी तहिना
बजला-
“बौआ, खेल खेल छी खेल जिनगी नै छी। जे जिनगीकेँ
खेल जना खेलैत बितौत, ओ असल खेलाड़ी भेल। समैक महिरम बूझ। नै तँ बौआ जेमे।”
लाल भाइक बात सुनि चुपेचाप नहाइले चलि गेलौं।¦¦¦
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