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Saturday, June 7, 2014

मेंहथ कथा गोष्‍ठीमे पठि‍त ''खजाना''

खजाना

गामक धीया पूता मे हल्ला छलैक जे चैतू बाबूक अमेरिकन पोता एलखिन्ह अछि। अमेरिकन पोता कें आङन मे सब गोटे पैडी कहि कए बजबै छलैक। सुनबा मे एलैक जे पैडी अपना पापा मम्मी सँ अंगरेजिये मे गप करैत छलैक मुदा दादा दादी सँ कने मने मैथिली बाजि लैत छलैक। पैडी जखन पाँच बरखक छल तखने ओकर पापा मम्मी अमेरिका चल गेल छलैक। दूनू कम्प्यूटर इंजीनियर। अमेरिका जेबा सँ पहिने ओ दूनू बंगलोर मे नोकरी करैत छलथि। तखन पैडी दू तीन बेर गाम आएल छल। अमेरिका गेलाक बाद पहिल बेर चारि साल पर पैडी गाम आएल।
पैडी माने प्रद्युम्न। पैडी नाम तऽ अमेरिका मे परलैक। बच्चा मे जखन प्रद्युम्न गाम आबए तऽ बंटी आ सोनूक संग खेला धुपा लैत छल। सोनू ओकर नाम राखि देलकै पद्दू। बजबै मे हल्लुक नाम छलैक। ई नाम सुनि कए प्रद्युम्न कें अपना तऽ किछु नीक बेजाए बूझै मे नहि आएल छलै मुदा बंटी खूब हँसल छलैक। बंटीक हँसला पर ओ किछु आश्चर्य सँ पुछने छलैक जे कोन बात पर ओ सब हँसलक मुदा ओ सब अनठा देने छलैक।  
एहि बीच पैडी बहुत बदलि गेल छल। ओ हरदम अपन कम्प्यूटर मे व्यस्त रहैत छल। सोनू आ बंटी कें बहुत इच्छा छलैक ओकरा संग खेलेबाक आ अमेरिकाक बारे मे किछु बुझबा सुझबाक, मुदा चैतू बाबूक दलान पर जा कए घूरि आबए, पैडी कें अंग्रेजी मे बजाओत कोना से बुझले नहि छलैक। ओकरा सबकें ईहो नहि बूझल छलैक जे पैडी कें चारि साल पुरान संगी आ ओकरा सबहक गप मोनो हेतैक की नहि। आ फेर ओ एतुका गमारू बच्चा सबहक संग मेल जोल करब ठीक बूझत की नहि। ओना साफ सुथरा तऽ दूनू गोटे छल आ कपड़ो लत्ता ठीके ठाक छलैक मुदा एकटा अमेरिकन लग जेबा मे धाख होइते छलैक।
एही गुनधुन मे जखन सोनू आ बंटी दलानक चक्कर लगबैत छल तखन एक बेर चैतू बाबू बजा लेलखिन्ह। दूनू डेराइते लग गेल। चैतू बाबूक पुछला पर अपन अभिप्राय कहलकन्हि जे ओकरा पैडी सँ अमेरिकाक बारे मे किछु गप करबाक छलैक। ई बात चैतू बाबू कें नीक लगलन्हि कारण ई गौरवक बात छलैक जे हुनकर पौत्र अमेरिका सँ एलखिन्ह आ आन बच्चा सब ओकरा सँ किछु सीखए चाहैत छल। ओ पैडी कें बजाए सोनू आ बंटी सँ परिचय करा देलखिन्ह। तखन पैडी कें अपनहि पुरान बात सब मोन परए लगलैक आ ओहि दूनू गमारू बच्चा कें अपन मित्र स्वीकार करबा मे कोनो हर्ज नहि बुझेलैक।
दलाने पर पैडी बैसि गेल दूनूक संग। कम्प्यूटर तऽ संग मे छलैके। ओतुका स्कूलक बारे मे ओ बंटी आ सोनू कें बता रहल छल। कम्प्यूटर मे स्टोर कएल स्कूलक फोटो, क्लास रूमक फोटो, लाइब्रेरीक फोटो आदि देखा सेहो रहल छल। सोनू आ बंटी ध्यानमग्न भऽ कए सुनि रहल छल, लगैत छलैक एक एक टा शब्द पीबि जेबाक चेष्टा कऽ रहल हो। ओकरा दूनूक लेल ई सपनाक दुनियाँ सँ कनियो कम नहि छलैक।
एतबे मे चैतू बाबू टॉर्चक दूटा खराप बैटरी लेने एलखिन्ह आ जुमा कए दलानक बाहर फेक देलखिन्ह। मुदा ओ खसलै हत्ताक भीतरे आ पैडीक नजरि ओहि पर चल गेलैक। ओ आश्चर्य सँ जेना चिचिया उठल “दादाजी, बैटरी एना किएक फेकि देलिऐक ?” चैतू बाबू हरान जे ई बच्चा टोकलक कोन कारणें। सोनू आ बंटी सेहो हरान। बैटरी फेकब ओकरा सबहक लेल कोनो अजगुत बात नहि छलैक। बंटी पैडी कें बुझबए लागल “गाम घर मे लोक खराप बैटरी तऽ एहिना यत्र कुत्र फेकि दैत छैक। ओतबे नहि आब तऽ लोक खराप मोबाइलो एहिना कतहु फेकि दैत छैक। यदि चौक दिश चलब तऽ हम फेकलाहा मोबाइल देखा देब”।
आब पैडीक आश्चर्यक ठेकाने नहि। ओ सोचए कोना अमेरिका मे ओकरा सब कें बैटरी, मोबाइल फोन अथवा अन्य कोनो इलेक्ट्रॉनिक कचरा कें फेकबाक तरीका बुझाओल जाइत छलैक आ कतए ई लोक सब जिनका लेल एहेन वस्तु फेकबाक कोनो ठेकाने नहि। दादाजी कें तऽ ओ नहि किछु कहलक मुदा सोनू आ बंटी कें बुझबए लागल अपना स्कूल मे कराओल गेल “सेलफोन रीसाइक्लिंग अभियान” के बारे मे। एहि प्रोग्राम मे बच्चा सब घरे घरे जा कए खराप मोबाइल फोन, आइपॉड आदि माँगि कए स्कूल मे जमा केने छल। ओहि मे करीब एक तिहाइ तऽ टीचर सबहक सहयोग सँ मामूली मरम्मति केला पर काज करए लागल छलैक आ बाकी कें एकटा कम्पनी कें बेचि देल गेल छलैक। एहि अभियान मे स्कूल कें करीब दू हजार डॉलरक आय भेल छलैक।
पैडीक कम्प्यूटर मे एहू अभियानक फोटो छलैक जे ओ सोनू आ बंटी कें देखा देलकै। सोनू आ बंटी तऽ किछु बुझिए नहि रहल छल जे खराप मोबाइल कियो किएक किनतैक आ ओकर की करतैक। पैडीक कम्प्यूटर मे इंटरनेट तऽ छलैके, ओ “स्टोरी ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स” आ “ईक्को वर्ल्ड” नामक दूटा विडियो दूनू कें देखा देलकै।
एमहर चैतू बाबू सेहो कने चिन्तित भेलाह। गाम घर मे खराप बैटरी तऽ एहिना लोक फेकि दैत छलैक। ई काज एना नहि करबाक चाही तकर ध्यान ककरो ने छलैक। ने हुनका बूझल छलन्हि आ ने ओ अपना बेटा बेटी कें कहियो बुझेलखिन्ह। आ अमेरिका मे रहि कए हिनकर पोता तऽ सत्ते मे ज्ञानी भऽ गेलन्हि। ओ आङन जा कए अपन बेटा मनोज कें बैटरी फेकबाक आ पैडीक प्रतिकार करबाक बात सुना देलखिन्ह। मनोज हुनका बुझेलकन्हि जे पैडी ठीके कहैत छल। आब तऽ बंगलोर पर्यन्त मे एहि तरहक नियम लागू भऽ गेलैक अछि। विभिन्न प्रकारक कचरा लोक कें घरे मे छाँटि कए दू अथवा तीन तरहक पैकेट मे राखि देबए पड़ैत छैक। भनसा घरक कचरा अलग, कागज प्लास्टिक अलग, इलेक्ट्रॉनिक कचरा अलग। से नहि केला पर कचरा उठेनिहार अहाँक घरक कचरा लेबे नहि करत। सब कॉलोनी मे एहि तरहक व्यवस्था लागू भऽ गेलैक अछि, विभिन्न प्रकारक कचराक लेल पैकेट बना कए घरे घरे पठा देल गेलैक अछि।
तकर बाद सबकें चाँकि जगलैक। पैडी जतए सोनू आ बंटी कें इलेक्ट्रॉनिक कचराक महत्व बुझा रहल छल ओतए दादा दादी सेहो आबि कए बैसि गेलखिन्ह। पैडी लजा गेल आ अपन बात बन्द कऽ देलक। तै पर चैतू बाबू ओकरा प्रोत्साहित करैत कहलखिन्ह जे आइ पहिल बेर हुनका ज्ञान भेलन्हि आ सबटा बात सुनबा लेल बैसलाह अछि। तखन पैडी कें कने धाख छुटलैक। ओ सब कें बुझबए लागल।
बैटरी आ इलेक्ट्रॉनिक कचरा मे लेड, कैडमियम, मरकरी आदि हानिकारक तत्व रहैत छैक। यत्र कुत्र फेकि देला पर ओ तत्व सब माटि मे आ जलक स्रोत मे मिलि जाइत छैक। ओतए सँ फेर माटि मे उपजल अनाज अथवा तरकारी आदि मे पहुँचि जाइत छैक आ फेर भोजन द्वारा लोकक शरीर मे। इलेक्ट्रॉनिक कचरा मे आनो एहेन विषाक्त पदार्थ सब रहैत छैक जे पर्यावरणक लेल हानिकारक छैक।
ई तऽ भेल एकटा बात। दोसर आ बेसी महत्वपूर्ण बात अछि इलेक्ट्रॉनिक कचरा मे बहुमूल्य धातुक उपस्थिति। कोनो इलेक्ट्रॉनिक सामान, जेना मोबाइल फोन, आइपॉड, कम्प्यूटर, टीवी, सीडी प्लेयर आदि मे पर्याप्त मात्रा मे सोना, चानी आ ताम रहैत छैक जकरा उचित प्रक्रिया द्वारा फेर प्राप्त कएल जा सकैत छैक। एहेन बहुत रास कम्पनी आब काज करए लगलैक अछि जे लोक सँ इलेक्ट्रॉनिक कचरा कीन लैत अछि आ ओकरा रसायनिक विधि द्वारा परिस्कृत कऽ कए ओकर सोना, चानी आ ताम बहार कऽ लैत अछि।
पैडी इंटरनेट सँ ताकि कए दिल्ली, पूना आ बंगलोर मे काज करैत एहेन कम्पनीक नामो हुनका सब कें बता देलक। पैडीक दादा, दादी आ सोनू, बंटीक आश्चर्यक ठेकाने नहि। विश्वासे नहि भऽ रहल छलैक मोबाइल फोन मे सोना चानी भरल रहैत छैक। बंटी तखने दौड़ि गेल आ रस्ता कात मे फेकल मोबाइल उठा अनलक। पैडी कें कहलकै कने देखा दै लेल। पैडी अपन बैग उठा अनलक आ ओहि मे सँ छोटका स्क्रू ड्राइवर निकालि मोबाइल फोनक अंग प्रत्यंग खोलि देलक। एतेक होशियारी सँ ई काज केलक जे दादा दादी कें तऽ छगुन्ता लागि गेलन्हि। हुनका विश्वासे नहि भऽ रहल छलन्हि जे हुनकर पोता एतेक बुधियार आ होशियार भऽ गेलन्हि।
सोनू आ बंटीक सामने छलैक मोबाइल फोनक पार्ट पुरजाक टुकड़ी सब छिड़िआएल जाहि मे कतेको ठाम सोना ओहिना चमकैत छलैक। पैडी सबकें सुनेलक जे ई सोना देखबा मे बहुत थोड़ लगैत छैक मुदा ओ इंटरनेट मे एक ठाम पढ़लक जे एक लाख एहेन मोबाइल फोन मे छैक करीब अढ़ाइ किलो सोना, 25 किलो चानी आ 900 किलो ताम। सोनू आ बंटीक आँखि जेना पसरले रहि गेलैक। एतेक पैघ खजाना ! आ तकरा अबूझ लोक बाट घाट खेत पथार मे फेकि दैत अछि। लगैत छलैक जेना अलीबाबा कें चोर सबहक खजानाक कुंजी भेटलैक तहिना बंटी आ सोनू कें पैडीक संग गप केला पर ई नव खजाना भेटलैक।
सोनूक मोन ललचा गेलैक। ओ पुछलक “पैडी, तोरा एतेक बात बूझल छौक। यदि हमसब अपनहिं मोबाइल कि आनो कोनो इलेक्ट्रॉनिक कचरा सँ सोना चानी बहार कऽ सकी तऽ फेर एकरा अनका बेचबाक काजे नहि। आमदनी सेहो नीक होएत”। पैडी किछु सोचि कए जबाब देलकै “बेसी विस्तार तऽ हमरा नहि बूझल अछि, मुदा टीचर सब बजैत छलखिन्ह जे ई काज सब नै कऽ सकैत अछि कारण एहि मे पर्यावरण पर प्रभाव पड़ैत छैक। अमेरिक मे इ-स्टेवार्ड नामक संस्था सब ई काज करैत छैक”। ई विचार चैतू बाबू कें नीक लगलन्हि। ओ सोनू कें कहलखिन्ह जे इ-स्टेवार्डक काज करबाक तरीका ओ सीखताह आ बैंक सँ लोन लऽ कए एकर कारखाना गामे मे लगेताह। ई विचार सब कें नीक लगलैक।
पैडीक खिस्सा सुनि कए बंटी आ सोनू कें सेहो ज्ञान भऽ गेलैक। ओ दूनू तखने निर्णय लेलक जे एहि बातक प्रचार अपना स्कूल मे तऽ करबे करत आ गाम मे सेहो सब कें बुझेतैक। चैतू बाबू एहि काज मे ओ दूनू बच्चाक सहयोग करबा लेल तैयार भऽ गेलखिन्ह। आब गाम मे इलेक्ट्रॉनिक कचराक संग्रह कएल जाएत। जाबत कारखाना नहि लगलैक अछि ताबत ई सामान दिल्ली पूना बंगलोरक कोनो कम्पनी कें बेचल जाएत। जे टाका भेटतैक से गामक बाल कल्याण कोष मे जमा कऽ देल जेतैक।
पैडी एके सप्ताह गाम मे रहल मुदा अपना बुद्धि सँ गाम कें बदलि देलक आ लोक कें भेटि गेलैक एकटा खजाना।


योगेन्द्र पाठक ‘वियोगी’
कोलकाता, 24 मई 2014

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