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Friday, August 10, 2012

सुजीत कुमार झा - एकटा अधिकार


सुजीत कुमार झा
एकटा अधिकार
बहुत भयंकर हृदए छल्ली करएबला हवाइ दुर्घटना छल। विराटनगरसँ काठमाण्डू आबैबला हवाइ जहाजमे लैंड करए काल अचानक आगि लागि गेल आ जहाज रनवे शुरु होबएसँ पूर्व एकटा आगिक गोला बनि जमीनपर छिटा गेल छल। बारुण यन्त्रकेँ पहुँचए तक भीमकाय विमान जरि कऽ छाउर भऽ गेल छल। समाचार मिलिते बारुण यन्त्रक अतिरिक्त पुलिस, एयरलाइन्स आ एयरपोर्टक अधिकारीक संग संग अपन प्रियजनकेँ लेबए एयरपोर्ट आएल लोक सेहो दुर्घटनास्थल पहुँच गेल छल। जतए हवाइजहाज खसल छल ओतएक दृश्य तँ बहुत बीभत्स छल। चारु दिस जड़ल जहाजक टुकड़ा, मानव शरीरक अधजरु अंग बैग लगायत ओहिना पड़ल छल। माउस आ रबरकेँ जड़य कऽ मिलल जुलल गंधसँ वातावरण पूरा भरल छल। नाकपर रुमाल बँधने रेस्कयू  (राहत) टीमक लोक गरम ढेरमे तत्परतासँ लाश खोजि रहल छल। अहूसँ बेसी कठिन आ संवेशनशील काम ओइ अधिकारीक छल जे यात्रीक परिवारक पूछताछक जवाब दऽ रहल छल। नम्रता आ शालीनता बनाबए राखए कऽ अथक प्रयासक बावजूद हुनक सबहक व्यवहारमे खिसियाएब झलकि रहल छल। विक्षिप्त सन लागि रहल एक युवककेँ लागातार हिचिकयसँ ओतए कऽ वातावरण आओर विह्वल भऽ रहल छल। आखिर युवकक पालो आएल तँ कहलक, हमरा जकर खोजी अछि ओ हरियर रङ्गक साड़ी पहिरने छल।
अखन धरि जतेक शव भेटल अछि सभ क्षत-विक्षत अछि। हरियर साड़ीबला कोनो व्यक्ति नै मिलल अछि। मृतक सबहक गहना, पेन, मोबाइल, घड़ी लगायत कऽ समान अलग कऽ कऽ राखल जा रहल छल। यात्रीक निकाललाक बाद जे समान मिलत ओ यात्रीक करकुटुम्बकेँ देखाएल जाएत। मुदा हम हुनकर सम्बन्धी नै छी। युवक सिसकल, ‘हम ओइ साड़ीक माध्यमसँ मात्र हुनकर अन्तिम झलक देखए चाहैत छी। शायद ओहो हमर हिस्सामे नै अछि .........।
धैर्य राखु’, अधिकारी कोमल स्वरमे कहलक जे शव निकलैत अछि ओकरा कीयो देखि‍ सकत। अपने जतए शव उठा कऽ राखल जाइत अछि ओतए जा कऽ आ शव आबए कऽ प्रतीक्षा करु।
युवक थाकल जकाँ चलैत लाइनसँ बाहर निकलि गेल। दोसर युवक सेहो यात्री सूची देखलाक बाद आँखि पोछैत लाइनसँ बाहर आएल। पहिल युवककेँ असमंजसक स्थितिमे एक दिस ठाढ़ देखि‍ ओ हुनका लग गेल। हुनका नै जानि किए ओइ नितांत अपरिचित व्यक्तिसँ सहानुभूति भऽ रहल छल।
एतए कखन धरि ठाढ़ रहब? ओम्हर चलू, चबुतरापर बैस लाश आबए कऽ प्रतिक्षा करी।
ककरो अपनकेँ लाश कहब केहन लगैत अछि?’ पहिल दोसरकेँ संग चलैत पुछलक।
प्राण लेबएबला, मुदा अओर की कहू? हवाइ जहाजक हालत देखैत ककरो बचएकऽ उम्मीद नै अछि। ओना हमर कनियाँ सुरक्षा जाँचमे जाएसँ पूर्व हमरा फोन कएने छल मुदा हम तैयो ऐ निर्मृूल आससँ, कि भऽ सकैत अछि, अन्तिम समैमे ओ अपन निर्णय बदलि लेने हुअए, यात्री सूची देखए गेल छलौं। लिस्टमे दोसर नाओं हुनके छल। आब तँ बस, हुनकर शवक प्रतीक्षा, अन्तिम संस्कार आ फेर जीवन भरि हुनका स्मरण करए कऽ अतिरिक्त किछु नै बँचल हमर जीवनमे।
-तैयो अन्तिम संस्कार तँ कऽ सकब। हम तँ शायद अन्तिम दर्शन सेहो नै कऽ सकी? ककरो अओरकेँ देखएसँ पहिनहि हुनकर घरबला गिद्ध जकाँ लपकि कऽ शव लऽ जेता।
ओ एतए आएल छथि ?’ 
जे लोक सभसँ आगू ठाढ़ छथि, अवश्य ओइमे सँ एक हेता।
-हुनका चिन्हैत नै छिऐ
नै ओना हुनकर पर्समे हरेक समए तस्वीर रहैत छल, मुदा हमरा देखैक कहियो इच्छा नै भेल।
किए?’ 
हुनका सँ लगातार ई सुनि कऽ, हुनको की पसिन छन्‍हि, ओ आइ भोरमे की कहने छलाह, कोन चुटकुल्ला सुनौलथि, बोर भऽ जाइत छलौं। तस्वीर देखि‍ लइतौं तँ शाइद ओ एलबमे लाएब शुरु कऽ दैतैथ देखाबए लेल।’ 
जखन हुनका घरबला सँ एतेक लगाव छलनि तँ ओ अपने संग केना अटकि गेली, एकतरफा प्रेम छल अपनेक?’ 
शाइद हम हुनकासँ एतेक नै कऽ पबैत छलौ जतेक प्रेम ओ हमरासँ करैत छलि, बहुत बेसी।
आ अपन घरबलासँ?’ 
पागलपनक हद तक। तखनने हमरासँ एतेक लगाब भेलाक बादो ओ हुनका छोड़ए लेल तैयार नै छली।’ 
बच्चाक इच्छा छलनि हएत।
बच्चा तँ छलै नै। हुनकर घरबला हुनका किनको संग बाँटए लेल तैयार नै छल। ही वाज भेरी पजोसिव, टू दऽ लिमिट ऑफ सफोकेशन परहैप्स (ओ हुनका लऽ कऽ बड्ड व्यक्तिगत छल, शाइद घुटन धरि)’ 
तखन ने शाइद ओ अपनेसँ प्रेम करए लागल छली।
जौं वशमे होइत तँ कहियो ने कैरती। हुनका घरबलाक पोजेसिव होबए कऽ कोनो शिकाइत नै छल। मुदा प्रेम ओ चीज अछि, बि‍ना इच्छोकऽ भऽ जाइत अछि आ बहुत इच्छा भेलाक बादो नै होइत अछि।
मुदा प्रेम भेल केना? हमर मतलब अछि, भेटघाँट वा प्रारम्भ केना भेल?’
हवाइ जहाजमे। बड़ा संयोग अछि ने जे प्रेम कहानी हवाइ यात्रामे शुरु भेल छल आ हवाइ यात्रामे समाप्त भऽ गेल। जे हुअए, हम दुनू टुरपर पोखरा जा रहल छलौं। बराबरक सीटपर बैसल छलौं। ऐ दुआरे बातचितक शुरुआत भऽ गेल। संयोगसँ हमरा दुनूकेँ बराही होटलमे रुकए कऽ छल। अही दुआरे एके टैक्सीमे होटल गेलौं आ फेर साँझखन होटलक लौवीमे दोबारा भेँट भऽ गेल। हम हुनका होटलमे डिनरक निमन्त्रण देलौं, ओ मानि गेली। खाना खाइत पता चलि गेल, काल्हि भेने ओ रारा ताल देखए जेती। फेर हमहुँ ओतए जाए कऽ कार्यक्रम बनेलौं। ओ तँ प्रात भिने काठमाण्डू फिर्ता चलि एली मुदा हमरा काम छल तेँ एक दू दिन रुकए पड़ल। नै ओ अपन फोन नम्बर देली आ ने हमर लेली। मात्र एतेक बुझल छल, काम कतए करैत छथि।’ 
एतए फिर्ता भेलाक बाद एक दिन हुनक ऑफिस गेलौं। ओ बहुत खुशी भेलथि, लागल जेना हुनको हमर प्रतीक्षा छल। बस अही प्रकारे भेटक क्रम बढ़ैत गेल आ सम्बन्ध सेहो।
हुनक बि‍आह भऽ गेल छल ई कहिया पता चलल?’ 
पहिले भेटमे, अपन परिचय संगहि ओ अपन घरबालाक जन्मपत्री सुना देली। हुनक चर्चा कएने बि‍ना तँ कोनो गप्पे पुरा नै होइत छल।
आ फेर अहाँ हुनका सँ प्रेम करए लगलौं?’
कहलौं ने प्रेम कएल नै जाइत अछि, भऽ जाइत अछि ।
मुदा रोकल तँ जा सकैए।
रोकए कऽ बहुत प्रयास केलौं मित्र, ओ सेहो आ हम सेहो। अनेक बेर नै भेटए कऽ प्रण केलौं मुदा तैयो हम जेना कोनो वशीकरणमे बन्हल जकाँ स्थानपर चलि जाइत छलौं। आ ओ सेहो प्रतीक्षा करैत रहैत भेट जाइत छलि। हारि कऽ हम नै भेटए कऽ व्यर्थ कोशिस करब छोडि देलौं।
हुनक घरबलाक पता नै चलैत छल कि अपने सँ भेँटए अबैत छथि?’

-ओना तँ ओ हुनका आबएसँ पहिने घर पहँुच जाइत छलि, कहियो अबेर भेलापर ऑफिसक पार्टी, बहुत कामक बहाना बना दैत छली।
मुदा तैयो मुँहक हाव भाव, उद्विग्नतासँ पता चलिए जाइत अछि। हमर कहए कऽ अर्थ प्रेम छिपाएब आसान नै होइत अछि।’ 
हँ मुदा ओ हुनकर प्रेममे ऐ प्रकारे डुबल छलाह जे हुनक चिन्ता, हुनक अकुलाहट सभ अपने लेल सम्झैत छलाह।
जखन हुनक घरबला हुनकासँ एतेक प्रेम करैत छल तखन कोनो अन्यसँ प्रेम करए कऽ की आवश्यकता छल?’
कोशिस कऽ कऽ या सोचि समझि कऽ प्रेम बि‍आहक बाद कएल जाइत अछि। सहीमे प्रेम तँ वएह होइत अछि जे अनजानमे नै चाहैत भऽ जाइत अछि। लगैत अछि अपने कहियो किनकोसँ प्रेम नै केलौं अछि?’
केलौ तँ अछि मुदा मात्र अपन कनियासँ, बि‍आहक बाद, मुदा सोचि-समझि वा नापितौल कऽ नै। बि‍आहसँ पहिने पढाइ आ फेर काममे एतेक व्यस्त छलौं कि केकरो देखए कऽ फुरसत नै छल आ बि‍आहक बाद तँ हुनक अतिरिक्त केकरो दिस ताकए कऽ अवसरे नै भेटल वा कहीं मने नै भेल। पूर्ण सन्तुष्ट छलौं हुनक प्रेममे। भऽ सकैत अछि अपनेक प्रेमिका अपन घरबलाक प्रेमसँ सन्तुष्ट नै हुअए।
एह बात नै छल। ओ हुनकासँ सर्वथा सन्तुष्ट छलथि। बहुत पसिन करैत छली ओ हुनका।
फेर एतेक प्रेम करएबला घरबलाकेँ एतेक धोका केना दैत छली?’
ओ एकरा धोका नै मानैत छली। किएकि जखन ओ हुनका संग होइत छली तँ पूर्णतया हुनका प्रति समर्पित होइत छली आ हुनका घर फिर्ता होबएसँ पूर्व घर पहुँच जाइत छली। यानी हुनक समए ओ कहियो हमरा लेल नै दैत छली। हुनक कहब छलनि कि ऐसँ हमरा घरबलाक कोनो नोकशान नै होइत अछि। हँ, हमरा संग न्याय नै कऽ पबैत छली, अहिकऽ लेल हरेक समए ग्लानि आ पश्चातापक आगिमे सुलगैत रहैत छली बेचारी।
अपनेकेँ तरस नै अबैत छल हुनकापर?’
बहुत अबैत छल, मुदा की करितौं, दिलक हाथ मजबुर छलौं। छोड़ि नै सकैत छलौं हुनका।’ 
अपनेकेँ स्वयंपर यानी अपन पुरुषत्वपर तामस नै अबैत छल। बहुत स्मार्ट छी, जीवनमे सेहो लगैत अछि, सुव्यवस्थित हैब, लड़की सभ सेहो अपनेपर अवश्य मरैत हएत। फेर अपने किए एकटा विवाहित महिलाक संग अटकल छलौं, जिनका संग अपने इच्छा अनुसार समए सेहो नै बिता सकैत छी?’
कनी काल इम्हर उम्हर तकैत ओ कहला- प्रेम एकरे नाओं छै, मुदा.....
हम तँ कहब, छुटि गेल दू नावपर एक संग सवार होबए कऽ यंत्रणासँ।
-मुदा ओ एकरा यन्त्रणा नै गुलाबक संग उगल काँट कहैत छली। गुलाबक रङ्ग आ आकर्षण दूरसँ देखल जा सकैत छल मुदा गमक सुंघय कऽ लेल तँ ओकरा छुबहे पड़तै आ काँटक चुभन सेहो झेलहे पड़तै।
यानी हुनका चुभन पसिन छल?’
हुनका प्रेम पसिन छल आ ओइसँ जुड़ल हरेक चीज सेहो।
यानी ओ हालतसँ प्रसन्न छली?’
हमरा लग सँ जाए काल ओ दुखित भऽ जाइत छली मुदा हरेक समए प्रसन्न रहैत छली। हंसैत छली, गुनगुनगुनाइत छली?’
-ताकि ओ हुनकर गममे बताह भऽ जाए? नै हुनक बि‍ना जी सकैत छली आ ने हमरा। हमर समस्या एह छल मित्र, जेकर कोनो समाधान नै छल। हमरा हुनका संग जीबए कऽ छल आ जिबियो रहल छलौं। आब हुनका गेलासँ हमरा जीवनमे जे अभाव भऽ गेल अछि ओ कहियो नै मरत। नै जनैत छी, जीवियो सकैत छी वा नै हुनका बि‍ना?’
आ हुनक घरबला?’
हुनको लेल तँ आसान नहिए हएत.... उम्हर देखू, ओइ गाड़ीसँ किछु अओर शव निकालल जा रहल छै।’ 
चलू देखैत छी।
आ दुनू जतए शव आनि राखल जाइत छलै ओतए चलि गेला। अहि बेर निकालल जाइबला लाश शाइद ओइ व्यक्तिक छल जे ढेरमे दबि कऽ मरि गेल छल आ पुरे जकाँ जरैसँ बचल यानी पहचानल जा सकैत छल। एक स्ट्रेचरपर राखल व्यक्ति, हरियर साडीक किछु भाग देहपर रहल, सेहो छल। ओना पुरे शरीर पुरे झुलसि गेल छल मुदा झुलसल मुँहकेँ पहचानल जा सकैत छल। पहिल युवक लाशकेँे देखि‍ कऽ खसि पड़ल। दोसर हुनका उठेलनि, तोक भरोस देलनि।
अपने हुनकर अन्तिम संस्कार करए चाहैत छी ने, अपनेक घरक लोक करए देत?’
घरक लोक एतए नै अछि। हम असगरे रहैत छी, मुदा ऐसँ की फर्क पड़तै? हम कोन अधिकारसँ हुनकर बॉडी क्लेम कऽ सकैत छी।
-प्रेमक अधिकारसँ। हुनका घर लऽ जा सकैत छी, हुनका मनभरि कऽ छू सकैत छी, हुनका जतेक चाही पकड़ि कऽ कानि सकैत छी....।’ 
एना हमरा के करए देत?’
हम करए देब......।
अपने कोन अधिकारसँ?’
हुनकर घरबला होबए कऽ अधिकारसँ।
अँए..........।जेना कोनो करेन्ट लागि गेल हुअए। फेर अपनाकेँ संयमित करैत हुनका दिस तकलथि आ फेर ओ तकैत रहि गेलथि ओइ महापुरुषकेँ।

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