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Friday, August 10, 2012

नन्‍द वि‍लास राय -चौठचन्‍द्रक दही


नन्‍द वि‍लास राय
जन्‍म- 02.01.1957ईं.मे, शि‍क्षा- बी.एस.सी. (गणि‍त), आइ.टी.आइ. (टर्नर)। गाम, पोस्‍ट- भपटि‍याही, टोला- सखुआ, वाया-
नरहि‍या, जि‍ला- मधुबनी, ि‍बहार। 


चौठचन्‍द्रक दही


आइसँ चौठचन्‍द्र पावनि‍ चारि‍ दि‍न अछि‍। चारि‍म दि‍न तँ पावनि‍ हेबे करत। तँए ओइ दि‍न दही नै पौरल जाएत। सोमनी जन्‍मअष्‍टमीसँ पहि‍नहि‍ गुरकी हटया बनगामासँ तीनटा छाँछी आ दूटा मटकुरी कि‍न कऽ अनने छलि‍। सोचलक जे पहि‍ने कीनलासँ बासन सस्‍ता हएत मुदा से नै भेल। पाँचटा माटि‍क बासन पच्‍चीस टाकामे भेल। अपना ते नै महि‍से छल आने गाइये। सोमनी सोचलक अपना गाए-भैंस नै अछि‍ तँ की हेतै सौंसे गाममे तँ गाइये-भैंस अछि‍। की हमरा दस गीलास दूध नै हएत। जौं दूओ-दू गि‍लास कऽ कए पाँच गोटे दूध दऽ देलक तैयो पाँचटा बासनमे दही भऽ जाएत। मरर लेल खीर रान्‍हैले भजैत आेइ‍ठामसँ एक्‍को गि‍लास दूध लऽ आनव केनाहि‍ओ कऽ पावनि‍ कऽ लेब।
      सोमनी आ मंगल दू परानी। मंगल दि‍ल्‍लीमे दालि‍ मि‍लमे नौकरी करैत। सोमनी गाममे खेती-बाड़ीक काज करति‍। सोमनी-मंगलक परि‍वारमे पाँच गोटे छल। सोमनी, मंगल, बेटा राधे आ बेटी फूलि‍या, गुलबि‍या। पाँचो परानीक नाओंपर सोमनी पाँचटा बासनमे दही पौर चौठी चाँद महराजकेँ हाथ उठबैत छलि‍। सोमनी एक बीघा खेत छल। एकटा बरद रखने छल। गामेमे बीतबासँ हरक भाँज लगौने रहए। नूनू बाबूक दस कट्ठा खेतो बटाइ करैत छलि‍। अपन खेतीक बाद हर बेचीयो लैत छलि‍। जहि‍सँ कि‍छु ढउआ सेहो भऽ जाइत छलै। मंगल तँ दि‍ल्‍लीएमे कमाइत छल तँए बीतबा सोमनीओक खेतमे हर जोति‍ दैत छल। बीतबाकेँ अपन डेढ़ बीघा खेत छल आ एक बीघा बटाइ करैत छल। तँइ बीतबा सोमनीओक खेत जोति‍ दैत छल। बीतबाकेँ हर जोतैक बदलामे सोमनी बीतबाकेँ खेत रौपि‍ दैत छलि‍। दुनू गोटेमे मि‍लानी खूब रहए।
      काल्‍हि‍ चौठचन्‍द्र छी मुदा आइ साँझ धरि‍ सोमनीकेँ कि‍यो एक्‍को गि‍लास दूध नै देलक। जे ओ कोनो बासनमे दैत। ओकर मन घोर-घोर भऽ गेल। ओ बड्ड खौझा गेलि‍। अपना आंगनमे खौंझाइत बजलि‍- हमर बेगरता लोककेँ नै हेतै। जँ गाममे रहब तँ आइ ने काल्‍हि‍ हमरो बेगरता लोककेँ पड़बे करतै। तहि‍या मन पाड़ि‍ दैबनि‍।‍ माएकेँ खौंझाइत देखि‍ बेटा राधे बाजल- माए गै चून चून बाबा जे मरल रहथीन तँ हुनकर भोजमे देखलि‍ऐ पाउडरक दही पौरने। चौकोपर दैखै छीऐ जइ चाहबलाकेँ दूध सधि‍ जाइए तँ पाउडरेकेँ घोड़ि‍ कऽ चाह बनबैत अछि‍। कह ने तँ चौकपर सँ आधा कि‍लो पाउडर आनि‍ दइ छि‍ओ। ओकरा खूब कऽ औंट लि‍हेँ आ बासन सभमे दही पौर लि‍हेँ।‍
  बेटाक बात सुनि‍ सोमनी बाजलि‍- पोडरबला दूधक दहीसँ पावनि‍ केना हएत।‍
  राधे बाजल- जँ गाए, भैंसक दूध नै भेटलौ तँ की करबीही। पाउडर तँ गाइये महि‍सि‍क दूधकेँ बनैत अछि‍।‍
  सोमनी गुन-धुन करैत बजली- ठीक छै। जँ चौठी चाँद महराज अपना गाए-भैंस नै देने छथीन तँ पोडरेक दूधसँ पावनि‍ करब। जो भुटकुनक दोकानसँ आसेर नीमनका पाेडर नेने आ।‍ आ हे दू टाकाक जोरनले दहीओ लए लिहेँ।
  राधे चौकपर वि‍दा भेल। ओतएसँ पाउडर बला दूध नेने आएल। ओइ दूधकेँ औट दही पोरलक।
      आइ चौठचन्‍द्र छी। भोरे सोमनी राधेकेँ लोटा दऽ कऽ बीतबा आेइ‍ठाम दूध आनेले पठौलक। बीतबा आइ बैसले अछि‍ कि‍एक तँ पावनि‍ छीऐ। राधेकेँ देखि‍ते बाजल- लोटा राखि‍ दही दूध खीर रन्‍हैले हम तोरा माएकेँ गछने छेलि‍ओ मुदा अखन नै हेतौ। साँझमे लऽ जहि‍हेँ।‍
 साँझखन जखन राधे दूध आनैले गेल। बीतबा चाहबला गि‍लाससँ एक गि‍लास दूध देलक। दूध देखि‍ सोमनी दुखी भऽ गेलि‍। सोचलक जे एतबे दूधसँ खीर केना रान्‍हल जाएत। मुदा कोनो उपाए नै‍। तँए ओही दूधमे पानि‍ मि‍ला खीर रान्‍हलक।
      सोमनी चौठी चाँद महराजकेँ हाथ उठबैत कहलक- हे चौठी चाँद महराज जँ हमरा दरवज्‍जापर एकटा नीक लगहैर गाए भऽ जाएत तँ अगि‍ला साल एक छॉंछी दही आओर देब।‍

राति‍ नअ बजे दि‍ल्‍लीसँ मंगलक फोन आएल। घरेक बगलमे एक गोटे मोबाइल रखने अछि‍। ओकरे मोबाइलपर सोमनीकेँ फोन अाएल। सोमनी फोनमे मंगलसँ गप केलक। कुशल-समाचारक बाद मंगलवार कहलक- आइ चौठचन्‍द्र पावनि‍ छी, अहाँसब भरि‍ मोन खीर, पुरी, दही खेने हएब।‍
  सोमनी उदास होइत बजलीह- की भरि‍ मन खएब, दही पौरैले कि‍यो एक्को फुच्‍ची दूध नै देलक। पोडरक दही लए कऽ पावनि‍ केलौं गऽ मररक खीर रान्‍हैले भजैत एक्के फुच्‍ची दूध देलक। एक फुच्‍ची दूधसँ केहेन खीर हएत।‍
  मंगल कहलक- ‍अहाँ मोन जुनि‍ छोट करू, हम फगुआमे गाम अबै छी तँ एकटा नीक लगहरि‍ गाए कीनि‍ कऽ आनि‍ देव। दूध खेबो करब आ बेचवो करब। दूटा पाइ हएत तँ नूनो-तेल चलत। बेटी सभ घास काटि‍-काटि‍ आनि‍ देत। सोमनीक मन खुश भऽ गेल।
      फगुआमे मंगल गाम आएल तँ सोमनीकेँ गाए कीनि‍ देलक। गाए अधकि‍लौआ बार्ली डि‍ब्‍बासँ छह डि‍ब्‍बा भोर आ चारि‍ डि‍ब्‍बा दुपहर लगैत छल। जाबे धरिमंगल गाम रहल ताबे ओ अपने गाए दुहाए। जखन मंगल दि‍ल्‍ली चलि‍ गेल तँ सोमनीए गाए दुहए लगलीह। भोरका दूध बेच लै आ दुपहरका दूध परि‍वारेमे खाए। बेटी फुलि‍या आ गुलबीया घास आनि‍-आनि‍ कऽ खुअबै। एक दि‍न फुलि‍या लगमावाली खेतक आरि‍पर कनी घास काटि‍ लेलक। तइ लऽ लगमावाली फुलि‍या आ ओकर माए सोमनीकेँ बि‍खनि‍-बि‍खनि‍ कऽ गडि‍़औलक। सोमनी फुलि‍याकेँ मारबो केलक आ लगमावालीसँ गलतीओ मानलक।
      समए बीतैत देरी नै लगैत छै। आइ कुशी अमवश्‍या छी। पाँचम दीन चौठचन्‍द्र पावनि‍ हएत। कल्‍हि‍सँ दही पौरल जाएत। सोमनी दरबज्‍जापर एम्‍की लगहैर गाए चौठीचान्‍द्र महराज देने छथि‍न। सोमनी सोचलक जे एम्‍की सभ बासनमे नीक जहाँति‍ दही पौरब। ओकरा पौर सालक सभ गप्‍प मन रहए जे कि‍यो एक्‍को ि‍गलास दूध नै देलक तँ पोडरक दही लए कऽ पावनि‍ केलौं। मने-मन वि‍चारलक जे हमहूँ ककरो दूध नै देबै
      आइसँ चौठचन्‍द्रक दही पौरल जाएत। भोरे मुसबा लोटा नेने सोमनी ऐठाम दूध लै लए आएल। राधे कहलक- ‍माए गै, पौर साल अपना कि‍यो एक्‍को गि‍लास दूध नै देने रहौ तँइ ककरो दूध नै दे।
  सोमनी सोचलक जँ सि‍ग्‍हेसर बाबा लगहरि‍ गाए देने छथि‍। तँ पावनि‍ नाओंपर सभकेँ कि‍छु ने कि‍छु दूध देबे करब। जत्ते गोटे सोमनी ऐठाम दूध ले आएल सोमनी सभकेँ दूध दऽ वि‍दा केलक। ओकर अपन छवोटा वासन लए मात्र दू गि‍लास दूध बँचल। ओहो काल्‍हि‍ पावनि‍ छि‍ऐ तँ आइ दूपहरक। सोमनी ओही दू गि‍लास दूधकेँ छवो वासनमे दही पौरलक।
      आइ चौठचन्‍द्र छी भोरेसँ लोक सभ लोटा लए लए सोमनी ऐठाम दूध ले पहुँचल। लगमावालीक बेटी दूखनी सेहो अएल। फूलि‍या सोमनीकेँ कहलक- माए गै, दूखनीकेँ दूध नै दही। ओकर माए कनि‍ए घासले गि‍रि‍औने रहौ।‍
  सोमनी बाजलि‍- पावनि‍ले सभकेँ दूध देबै। गारि‍ देलक तँ कि‍ भेल एकठाम रहलासँ तँ आहि‍ना लड़ाइ-झगर होइत छै तँ कि‍ ओइ बातकेँ जीनगी भरि‍ रखने रखने रहब ओइसँ कि‍ हएत।‍ अनेरे टेंसन रहत। सोमनी भोरका समूचा दूध लोककेँ दऽ देलक। ओइ दूधक ककरोसँ पाइओ नै लेलक। दुपहरका दूध दूहि‍ कऽ एक गि‍लास दूध भजैत वि‍तबाकेँ आ एक गि‍लास मालि‍क नूनू बाबू आेइ‍ठाम पठौलक एक गि‍लास अपने रखलक। साँझमे जखन ममर लए सोमनी खीर रान्‍हैले बैसलीह तखने बेरमावाली आबि‍ गेलि‍। ओ कहए लगलीह- यै दाइ, हमरा तँ खीर रान्‍हैले दूधे ने भेल। जि‍तबा अखुन्‍का नाओं कहने रहए। मुदा जखन बेटाकेँ दूधले पठौलि‍ऐ तँ नै देलक। आब कथी लऽ कऽ ममरक खीर रान्‍हब?”
  सोमनी अपनाले जे दूध रखने रहए आेइ‍मेसँ अधा दूध बेरमावालीकेँ देलक। साँझमे सोमनी चौठीचाँद महराजकेँ हाथ उठबैत कहलीह- हे चौठीचाँद महराज, हमरा दरबज्‍जापर एहि‍ना देने रहु तँ हम सभकेँ पावनि‍ लए दूध दैत रहब।‍

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