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Monday, June 26, 2017

94वेअम कथा-साहित्‍य सम्मेलन : लौफा

94वेअम कथा-साहित्‍य सम्मेलन : लौफा

1990 इस्‍वीमे आरम्‍भ भेल मैथिली साहित्‍यक प्रमुख कथा-संगोष्‍ठी सगर राति दीप जरयक 94म आयोजन जाल्‍पा मध्‍य विद्यालय परिसर- लौफा (मधेपुर)मे 24 जून 2017 संध्‍या 6 बजेमे शुरू भ भिनसर 6 बजेमे सम्‍पन्न भेल। डॉ. योगेन्‍द्र पाठक वियोगी (वैज्ञानिकजी) केर संयोजकत्‍वमे आयोजित ऐ सगर रातिक कथा संगोष्‍ठीक उद्घाटन केलैन मैथिली साहित्‍यक सर्वश्रेष्‍ठ रचनकार श्री जगदीश प्रसाद मण्‍डल। श्री अरविन्‍द ठाकुर, डॉ योगानन्‍द झा, श्री केदार नाथ झा, डॉ. शिव कुमार प्रसाद एवम्‍ डॉ. योगेन्‍द्र पाठक वियोगीक संग दीप प्रज्‍वलन कार्यक्रमकेँ आगाँ बढ़ौल गेल। श्रीमती कुशुलता झा, श्री फुलेन्‍द्र पाठक, राम सेवक ठाकुर एवम्‍ श्री राम किशोर सिंह स्‍वागत गीत एवम्‍ डॉ. योगेन्‍द्र पाठक वियोगीक स्‍वागत भाषणक संग पोथी लोकार्पण सत्रमे प्रवेश भेल।
पाँच गोट पोथीक लोकार्पण भेल। जइमे पहिल पोथी छल डॉ. योगेन्‍द्र पाठक वियोगीक द्वारा अनुदित- रोबो। रोबो चेक भाषामे कारेल चापेक द्वारा लिखित ‘RUR’ नामक नाटक अछि, जेकर अंग्रेजी अनुवाद पॉल सेल्‍वर नामक लेखक केलैन। रोबोक लोकार्पण श्री अरविन्‍द ठाकुर हाथे भेल। दोसर एवम्‍ तेसर पोथी छल श्री जगदीश प्रसाद मण्‍डलक मौलिक कृति लघुकथा संग्रह- बेटीक पैरुख तथा क्रान्‍तियोग। बेटीक पैरुखक लोकार्पण केलैन- डॉ. शिव कुमार प्रसाद एवम्‍ क्रान्‍तियोगक लोकार्पण कर्ता छला- श्री दुर्गानन्‍द मण्‍डलजी। चारिम पोथी छल श्री राम विलास साहुक रचित काव्‍य संग्रह- कोसीक कछेर’, जेकर लोकार्पण केलैन- श्री राजदेव मण्‍डल आ पाँचम पोथी छल श्री बेचन ठाकुर द्वारा रचित नाटक संचयन- नबघरनबघरक लोकार्पण केलैन डॉ. शिव कुमार प्रसाद।
लोकार्पित पाँचू पोथीक सन्‍दर्भमे लोर्कापण कर्ता अपन-अपन संक्षिप्‍त मनतव्‍य व्‍यक्‍त केलैन। रोबोक सन्‍दर्भमे श्री अरविन्‍द ठाकुर कहलैन- आइसँ करीब साए बर्ख पूर्व ऐ पोथीकेँ चेक



भाषामे लिखल गेल छल, जेकरा  मैथिली साहित्‍यमे डॉ. वियोगी भावा अनुवाद केलैन। रोबॉटक कपल्‍पना कारेल चापेक आइसँ साए बर्ख पूर्व केने छला जे आइ अपना सबहक सोझ अछि। नाटकमे ईहो देखौल गेल अछि जे केना रोबॉट मानवक संहार करैए...।
बेटीक पैरुख कथा संग्रहक सन्‍दर्भमे डॉ. शिव कुमार प्रसाद कहलैन- बेटीक पैरुख संग्रहक सभटा कथा महिला सशक्‍तीकरणपर आधारित अछि। जँ पाठक आत्‍मसात् करैथ तँ स्‍वत: हुनकामे आत्‍मनिर्भता केना जागि जेतैन यएह ऐ पोथीमे संकलित सभ कथाक उत्‍ष अछि।
क्रान्‍तियोग लघु कथा संग्रहक सन्‍दर्भमे श्री दुर्गानन्‍द मण्‍डल कहलैन- बेकती अपने-आपमे अपन गुण-दोष केना चिन्‍हित करता तथा दोष मुक्‍त केना हेता, समयक संग चलबाक खगताकेँ केना बुझता तथा समयक संग मानवीय चेतनाकेँ जगबैत चलैले केना आ कोन बाटपर चलता इत्‍यादि ऐ संग्रहमे कथाकार अपन कथाक माध्‍यमे कहलैन अछि।
कोसीक कछेर काव्‍य संग्रहक सन्‍दर्भमे श्री राजदेव मण्‍डलजी कहलैन- कवि राम विलास साहुजी कोसी कातक वासी छैथ, कोसीक कछेरमे जीवन-यापन करै छैथ, अपन जीवनक अनुभवकेँ श्री साहुजी अपन काव्‍य सभमे बिना कोनो छान-बान्‍हक एव धरी-धोखाक रखलैन अछि।
नबघर पोथीक सन्‍दर्भमे डॉ. शिव कुमार प्रसाद कहलैन- ऐ पोथीमे चारि गोट नाटक/एकांकी अछि। चारू रचनामे वर्तमान समाजक दशा-दिशाकेँ नाटकरकार देखबैत अछि।
लोकार्पण सत्रक पछाइत कथा सत्रमे प्रवेश भेल। अध्‍यक्ष मण्‍डलक गठन भेल। श्री नारायण यादव, डॉ. योगानन्‍द झा, श्री अरविन्‍द ठाकुर आ श्री जगदीश प्रसाद मण्डल चयनित भेला। एवम् मंच संचालन हेतु डॉ. योगेन्‍द्र पाठक वियोगी’, श्री दुर्गानन्‍द मण्‍डल, उमेश मण्‍डल तथा श्री नन्‍द विलास राय।
कुल सात पालीमे प्राय: तीन-तीन गोट कथा पाठ भेल एवम्‍ पठित कथा सभपर आलोचक लोकैन आलोचना केलैन। विवरण निम्न अछि-
पहिल पालीमे-
1.       हमर भीतरका सियाना : अरविन्‍द ठाकुर
2.      आशीर्वाद : राम विलास साहु        
3.      कौआ के बौआ : प्रीतम निषाद
प्रथम पालीक पठित कथापर आलोचना केलैन-
डॉ. शिव कुमार प्रसाद, नन्‍द विलास राय, डॉ. योगानन्‍द झा।
दोसर पाली-
4.     विघटन : जगदीश प्रसाद मण्‍डल
5.     दिलजान आंटी : शम्‍भु सौरभ
6.     कृतघ्‍न : आनन्‍द मोहन झा
आलोचना- कमलेश झा, नारायण यादव, दुर्गानन्‍द मण्‍डल।
तेसर पाली-
7.      सरकार हम पापी छी : नन्‍द विलास राय
8.     संवेदनाक शरण : आनन्‍द कुमार झा
9.     घरवालीक झिरकी : लक्ष्‍मी दास
आलोचना- राजदेव मण्‍डल, अरविन्‍द ठाकुर, राम विलास साहु तथा दुर्गानन्‍द मण्‍डल।
चारिम पाली-
10.  जएह अपन सएह आन : अजय कुमार दास पिन्‍टु
11.    गामे बीरान भऽ गेल : कपिलेश्वर राउत
12.   पथिक : विद्याचन्‍द्र झा
आलोचना- गोविन्‍दाचार्य, कमलेश झा, उमेश मण्‍डल, योगान्‍द झा।
पाँचिम पाली-
13.   उपरारि जमीन : उमेश मण्‍डल
14.  होनी-अनहोनी : नारायण यादव
15.  स्‍वार्थान्‍ध : बेचन ठाकुर
आलोचना- योगेन्‍द्र पाठक वियोगी’, राजदेव मण्‍डल, दुर्गानन्‍द मण्‍डल।
छठम पाली-
16.  जुड़शीतल : शारदा नन्‍द सिंह
17.   निर्णय : योगेन्‍द्र पाठक वियोगी
18.  मानव आ माछ : राधाकान्‍त मण्‍डल
आलोचना- कपिलेश्वर राउत, प्रीतम निषाद, नन्‍द विलास राय।
सातम पाली-
19.  स्‍वाभिमान : उमेश पासवान
20.  विश्वास : आनन्‍द मोहन झा
21.   होइ छै गोहाय : शारदा नन्‍द सिंह
22.  कर्मक फल : दुर्गानन्‍द मण्‍डल
आलोचना- कमलेश झा, आनन्‍द झा, संजीव कुमार शमा डॉ. शिव कुमार प्रसाद।
ऐगला आयोजन अर्थात्‍ सगर राति दीप जरय95म खेपक आयोजन लेल माला उठौलैन श्री नारायण यादवजी। नारायण यादवजी अवकाश प्राप्‍त शिक्षक छैथ, कथाकार एवं आलोचक सेहो छैथ। जयनगरमे रहै छैथ, डुमरा घर छिऐन। श्री यादवजी दीप-पंजी हस्‍तगत करैत कहलैन- ओना तँ हम रहै छी जयनगरमे मुदा जहिना सगर राति दीप जरयक यात्रा किछु दिनसँ गाम दिस मुखर अछि तहिना हमहूँ गामेमे अर्थात्‍ जलसैन डुमरामे पनचानबेअम आयोजन कराएब।
हलाँकि भावी संयोजक आयोजनक तिथि सेहो निर्धारित क लेलाह मुदा ओ अखन दूमर्जा अछि तँए संभावित तिथि- सितम्‍बर मासक पहिल शनि।