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Thursday, October 23, 2014

केते लग केते दूर

केते लग केते दूर











जहलक भीतरो आ बाहरो मेला जकाँ लोकक करमान लगल। करमानो केना नै लगि‍तै, बेटा-बेटीक पढ़ाइ जे मंगनीए सभकेँ भेटतै। राजक सभ राजनीति‍क पार्टी आन्‍दोलन केलक, तहीमे सभ चौअनि‍याँ नेतासँ लऽ कऽ नमरी, असरफी धरि‍ जहलमे अछि‍। भाय! चौअनि‍याँ माने ई जे अंग्रेजी‍आ जुगमे बड़को नेता चौअनीए सदस्‍य होइ छला। जखनि‍ मन मि‍ठाएल रहै छै तखनि‍ मीठे नै तीतो मीठ लगै छै आ जखनि‍ मन तीताएल रहै छै तखनि‍ तीतक के कहए जे मीठो तीते लगै छै। मुदा से नै, सबहक मन मि‍ठाएल तँए जहल जाएब उपलब्‍धि‍ भेल नै कि‍ प्रति‍ष्‍ठाक हनन बूझि‍ गाम-गामक लोक जहल जाइले तैयार भऽ नारो देलनि‍ आ जहलो गेला। ओना अखनि‍ धरि‍ जहल जाएबकेँ लोक प्रति‍ष्‍ठाक हनने बुझैए। सबहक बाल बच्‍चाकेँ शि‍क्षाक जन्‍मसि‍द्ध अधि‍कार भेटतै। जहि‍ना कलयुग अबैकाल शदूल हाथीकेँ कहलक-
भाय, समए दुरकाल आबि‍ रहल अछि‍। साढ़े तीनि‍ए हाथक मनुख, जेकर देह अदहा चीरले रहतै, अदहे सौंस रहतै, मुदा रहत तेहने अगि‍या बताल जे तोरो साधि‍ कऽ रखतह।
शदूलक बातसँ हाथी घबड़ाएल नै, अपन शक्‍ति‍क बोध रहै, उत्तर देलकै-
तूँ केना बुझलहक? जँ कि‍यो झूठे कहने हुअ तखनि‍? अपन बाप-दादाक घर-घराड़ी छोड़ि‍ पड़ाएब, जीनगानी नै मरगानी भेल। तँए जेहीठाम छी, तेहीठाम नीक जकाँ केना रहब, एतबे तँ काज भेल, सएह करब अछि‍। मुदा तोरा जकाँ एहेन देह-दशा रखि‍ओ कऽ पड़ाएब नै।” 


अंतिम पेजसँ..............................................................




आशा-
सबहक असली की सभले असलीए होइए? ठोहि‍ फाड़ि‍ कहलनि‍ जे आब ऐ दुनि‍याँमे मरबेटा बाँकी रहल अछि‍, तँए पाँच कौर अन्न आ पाँच हाथ वस्‍त्रे टाक जरूरत रहि‍ गेल अछि‍। परि‍वार अहाँक छी, दुनि‍याँ अहाँक छी, जेना करब से करू।
असि‍या-
बात तँ बड़ नीक भेल, मुदा जइ दि‍न सासुर एलौं, तइ दि‍न जँ ई छूट भेट गेल रहैत तँ की अपन मनक बात नै मेटाएल रहि‍तए। मुदा...।¦१,२०६¦  

३ अगस्‍त २०१४

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