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Monday, September 8, 2014

बाल वि‍धवा (क. शि‍व कुमार मि‍श्र)

बाल वि‍धवा


हमरे पि‍सि‍यौतक बि‍आह सुपौल भेल छन्‍हि‍। हमर पीसा दसे बर्खमे कन्‍याँदान पौत्रीक कऽ लेलन्‍हि‍। हुनके देखसी हमर मसि‍यौत सुधांसु सेहो अपन कन्‍याँक बि‍आह केलन्‍हि‍। दस बर्षेत् भवेत कन्‍याँ, अर्थात् जइ कन्‍याँक रज स्‍वाला नै भेल होइ। ओहने कन्‍याँक दान करक चाही। ओ अपन द्वि‍तीय कन्‍याँक बि‍आह भद्रपुर करबाक नि‍श्चि‍त केलन्‍हि‍। हमर मौसाक पूर्ण आकांक्षा छेलन्‍हि‍ जे हम अपने हाथे कन्‍याँदान करब। और ओही कन्‍याँदानमे गोदान सेहो करब। हमर मौसा सुभद्रबाबू इलाकाक पंचैति‍या मुँहफट्ट, केकरो मुहेँपर जवाब दैत छला। ओ वर-वधूक मि‍लान देखए लगला। वर पक्ष सेहो नामी-गामी। हि‍नके जकाँ ओहो पंचैति‍या छला। दुनू पक्षक वर-वधूक गोत्र-मि‍लसार ठीक छल। पंजी प्रथानुसार सेहो मि‍लन उत्तम छल। लेन-देन सेहो अगुआ, सोन कक्काक बीच भऽ गेल छल। बि‍आहक दि‍न सुनि‍श्चि‍त भेल। हमर मसि‍यौत सुधांसु धूम-धामक संग बरि‍याती-सरि‍याती सबहक सम्‍मानक बेवस्‍था केलन्‍हि‍। गामक लोक सेहो पूर्ण मददि‍ केलन्‍हि‍। वर पक्ष श्रीकान्‍त बाबू कपड़ा-लत्ता, सोना-चानी लऽ उपस्‍थि‍त भेला। कन्‍याँ-राखी आ वर रमणक बि‍आह वि‍ष्‍णु  बि‍आह पद्धति‍सँ सम्‍पन्न भेल।
मि‍थि‍लाक रीति‍-रि‍वाज अनुकूल पाणि‍ग्रहण सम्‍पादन भेल। चारि‍ दि‍नक चतुर्थी सेहो भऽ गेल। राखी आ रमण कनि‍याँ-पुतराक खेलक आनन्‍दमे छला। कि‍छु दि‍नक बाद ईश्वरक अकृपा भऽ गेल, रमणकेँ साँप काटि‍ लेलकन्‍हि‍। यावत् झाड़-फूक होइ, डाक्‍टर सेहो बजौल गेल, ओइ बिच्‍चेमे प्राण छूटि‍ गेलनि‍। हमर मसि‍यौतक सभ परि‍वार पेटकान दऽ देलक। वरि‍याती-सरि‍याती दुनू गामक लोक सभ अचम्‍भि‍त रहि‍ गेल। मुदा कएल की जाए। छातीपर पाथर राखै पड़त। ईश्वरक लीला अपरम्‍पार छन्‍हि‍। कखनि‍ केकरा राजा, आकि‍ रंक बनबै छथि‍न्‍ह तेकर ठीक नै।
एक दि‍न हमर भौज राखी संग झंझारपुर गेली। ओइठाम एक सोना-चानीक दोकान छेलै। ओ सोनाक हाड़ आ पायल चाँनीक लइले कानए लागलि‍। ओकर सभ श्रृंगार उतरि‍ गेल छल। बाल-वि‍धवा पोसाकमे छल। माए ओकरा रोकए लागल मुदा ओ वि‍श्वनाथ प्रसादक दोकानक हाड़ और पायल लेबाक लेल दृढ़ संकल्‍पि‍त भऽ क्रन्‍दन-कोलाहल करए लागलि‍। ओकर कानब देखि‍ सभ एकटक ताकए लगल। एतेक छोट बच्‍चि‍या ओ केतौ वि‍धवा भऽ जाए, जेकरा कोनो सामाजि‍क चेतनाे ने छेलै। वि‍श्वनाथ प्रसाद सेहो ओ दृश्‍य देखि‍ कानए लगला। अन्‍तत: हाड़ तथा पायल ओकरा देल गेल। तखनि‍ ओकर नोर बन्न भेल। बाल वि‍धवाक भार हमर मसि‍यौत सुधांसु यावत् जीला ओ अपन कन्‍याँक अपना ओइठाम राखि‍ जीवन-यापन केलन्‍हि‍। राखीक सासुरसँ कोनो पहल नै ऊपरसँ केतेको कलंक लगौल जे एकरे माथमे सि‍नुर देलासँ हमर बेटा मरि‍ गेल। राखीकेँ खेनाइ-खोराकी सेहो नै देल गेल। हमर मसि‍यौतक अन्‍तक बाद हमर भाति‍ज सभ ओकरा सम्‍मानि‍त ढंगसँ रखलक। बीचमे सरकार द्वारा वि‍धवा पेन्‍शन सेहो देल गेल। ओ भगवान राधा-कृष्‍णक उपासक भऽ हुनके भजन-कीर्तन-पूजा-अर्चना करैत अन्‍तत: शरीर छोड़लक। जे मीरा वाईक उक्‍ति‍ छन्‍हि‍-
हमर तँ गि‍रि‍धर गोपाल दोसर कि‍यो नै।
आजुक समैमे बाल-वि‍धवा कानूनी अपराध तथा अज्ञानताक द्योतक अछि‍। शास्‍त्रोक्‍ति‍ नै। मुदा अखुनका समैमे बाल बि‍आह नै व्‍यस्‍क बि‍आह होइ।     

शि‍व कुमार मि‍श्र
साहि‍त्‍याचार्य
गाम+पोस्‍ट- बेरमा
भाया- तमुरि‍या
जि‍ला- मधुबनी।

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