Pages

Sunday, August 3, 2014

नि‍वास प्रमाणपत्र (क. नन्‍द वि‍लास राय)

नि‍वास प्रमाणपत्र
बाल वि‍कास वि‍भागमे कि‍रानी आ चपरासी लेल वि‍ज्ञापन नि‍कलल छल। आवेदन पत्रक संग शैक्षणि‍क योग्‍यता प्रमाण पत्रक अभि‍प्रमाणि‍त छायाप्रति‍ आ नि‍वास प्रमाण पत्रक अभि‍प्रमाणि‍त छायाप्रति‍ देनाइ अनि‍वार्य छल। आरक्षणक लाभ लेल जाति‍ प्रमाण पत्र देनाइ सेहो अनि‍वार्य छल। नै तँ आवेदने रद्द।
हमरा नि‍वास प्रमाण पत्र नै छल। प्रखण्‍ड कार्यलय गेलौं। ओतए पता चलल जे कोनो प्रमाण पत्र लेल ऑनलाइन आवेदन कएल जाइ छै। एकटा कठघारामे जा फोटो स्‍टेट करैबलासँ नि‍वास प्रमाण पत्रक फार्म कीनि‍लौं। फार्म भरि‍ कऽ लाइनमे लगि‍‍ गेलौं। पता चलल तीन बजे धरि‍ आवेदन लेल जेतै। दू बजैत रहए। हमरा आगूमे लगधग चालि‍स गोटे लाइनमे छल। हमर पारी अबैसँ पहि‍ने तीन बजि‍ गेल। कि‍रानी, जे आवेदन लइ छला, कहलनि‍-
टेम ओभर, टेम ओभर। अहाँ सभ काल्हि‍ आउ।
कि‍रानीक बात सुनि‍ साइकि‍ल लग जा ताला खोलि‍ वि‍दा भेलौं। रस्‍तामे सोचैत रही जे काल्हि‍ दसे बजे आबि‍ लाइनमे लगि‍ जाएब।
  दोसर दि‍न नअ बजे घरसँ वि‍दा भेलौं जे घंटा भरि‍ लगत पहुँच जाएब। नरहि‍या बजारमे साइकि‍लमे हवा दि‍या वि‍दा भेलौं। बैशाख मासक समए रहए। साइकि‍लक पछि‍ला टाएर कमजोर छल। फुलपराससँ आगू बढ़लौं आकि‍ धरामक अवाज भेल। देखलौं तँ साइकि‍लक पछि‍ला चक्काक टाएर-ट्यूब फाटि‍ गेल छल। स्‍थि‍ति‍ से छल जे बि‍नु बदलने गुनजाइश नै। जेबीमे मात्र पचासी टाका रहए। जखनि‍ कि‍ तीन सएक जरूरति‍ छल। साइकि‍ल गुरकौने बेलहा-बथनाहा चौक तक एलौं। एकटा चि‍न्‍हारए मि‍स्‍त्री लग गेलौं आ कहलि‍यनि अपन दुखरा। मुदा हुनका लग टाएर-ट्यूब नै रहनि‍। तँ कहलि‍यनि‍-
हम काल्हि‍ टाएर-ट्यूब लऽ कऽ आएब। ताबए साइकि‍ल राखू।
मि‍स्‍त्री बजला-
ठीक छै। काल्हि‍ दसे बजे तक आबि‍ जाएब। नै तँ साइकि‍लक जवाबदेही हमरा ऊपर नै। कि‍एक तँ भीड़ बढ़ने तनदेही घटि‍ जाइ छै।
हम बेलहा-बथनाहा चौकसँ पएरे घोघरडीहा दि‍स वि‍दा भेलौं। एगारह बजे प्रखण्‍ड कार्यलय पहुँच लानि‍मे लगि‍ गेलौं। हमरासँ आगू करीब पनरह गोटे छल। बुझाएल डेढ़ बजेसँ पहि‍ने कागत जमा भऽ जाएत। आब हमरासँ आगू मात्र दू गोटे छल। मन तनफनाइत रहए जे आब कागत मांगत तब कागत मांगत। अगि‍ला बेकती बजलै-
ले बलैया, जेनरेटरे खराप भऽ गेलै। कखनि‍ ठीक हएत कखनि‍ नै।
यौ भाय, की भऽ गेलै?” हम पुछलि‍ऐ।
ओ बजला-
देखै नै छि‍ऐ जेनरेटर बन्न भऽ गेलैए। बि‍ना बि‍जलीक कम्‍प्‍यूटर केना चलत। बि‍नु कम्‍प्‍यूटर चलने ऑनलाइन केना होएत।
दू-तीन गोटे हमरासँ पाछू ठाढ़ छल। ओ सभ जेनरेटर लग गेल। ऑपरेटर साहैब मशीन खोलि‍ रहल छला। दस मि‍नट पछाति‍ एक गोटे आबि‍ बाजल-
ऑपरेटरक कहब छै, बि‍ना मि‍स्‍त्रीसँ ठीक नै होइबला छै। आइ आवेदन जमा भेनाइ असंभव।
हमहूँ जेनरेटर लग पहुँच ऑपरेटरसँ पुछलि‍यनि‍-
की यौ बाबू साहैब, कखनि‍ तक मशीन ठीक हेबाक संभावना अछि‍?”
बजला-
आइ तँ कोनो असे ने करू। मि‍स्‍त्री जखनि‍ अबए मुदा साँझ तक मशीन ठीक हएत कौल्हका आशा करू।
हम ओतएसँ ट्रेन पकड़ैले स्‍टेशन दि‍स चललौं। स्‍टेशनपर एलौं तँ पता चलल जे पाँच बजे तक ट्रेन आएत। समए करीब तीन बजैत रहए। अखनि‍ दू घंटा गाड़ी अबैमे देरी अछि‍। सोचलौं कि‍एक ने टेम्‍पू पकड़ि‍ फुलपरास चलि‍ जाइ आ ओतएसँ दोसर टेम्‍पू पकड़ि‍ नरहि‍या चलि‍ जाएब। नरहि‍यासँ पएरे गाम जाइमे अदहा घंटा लगै छै। भाड़ा जोड़लौं तँ पचीस टाकाक खर्च छल। पचीस टाका खर्च केला बादो अदहा घंटा पएरे चलैइए पड़त। ओना ट्रेनसँ गेने परसा हॉल्‍ट उतरब। टि‍कटक कोनो दरकारे नै। परसासँ सबा घंटा गाम जाइमे लगत। नजरि‍पर आएल पैतालीस मि‍नट बेसी चलए पड़त मुदा पचीस टाकाक बँचत हएत। दस रूपैआक चाहे-पान खा लेब तैयो पनरहक नफ्फा। सएह केलौं। चाह-पान खा मुसाफि‍र खानाक विरिंचपर आबि‍ बैस गेलौं। एकटा मुसाफि‍र हि‍न्‍दुस्‍तान पेपर पढ़ै छल। हम हुनकेसँ पेपर मांगि‍ पढ़ए लगलौं। रहि‍-रहि‍ कऽ मोबाइलमे समए देखी। जखनि‍ साढ़े चारि‍ बजल तब स्‍टेशन मास्‍टरसँ गाड़ीक सूर-पता पुछलौं। कहलनि‍-
दू घंटा लेट अछि‍। सात बजेसँ पहि‍ने अबैक कोनो चान्‍स नै।
सुनि‍ते झमा गेलौं। सस्‍ता महग पड़ि‍ रहल छल। साढ़े सात बजे परसा हॉल्‍टपर उतरलौं। ट्रेनसँ उतरि‍ गांधी चौक बसुआरी एलौं तँ आगूमे पाँतर छेलै तँए कोनो संगी मि‍लि‍ जाएत तँ ठीक रहतै। ताकए लगलौं। एक गोटे मि‍लला। हुनको जेबाक रहनि‍ आगू। दुनू गोटे चाह पीब संगे-संग वि‍दा भेलौं। भपटि‍याही दुर्गा स्‍थान तक ओ संग रहला। दुर्गा स्‍थानमे भजन-कीर्तन होइत रहै ओ ओहीठाम रूकि‍ गेला। हम मोबाइलक रोशनीमे आगू बढ़ैत गेलौं। नअ बजे राति‍मे घर पहुँचलौं। घरपर पत्नी आ धि‍या-पुता चि‍न्‍ति‍त रहथि‍। पत्नीकेँ पूरा दि‍नक घटना सुना देलि‍यनि‍।
  दोसर दि‍न भोरे पत्नीसँ तीन सए रूपैआ केकरोसँ पैंच मांगि‍ कऽ लाबए कहलि‍यनि‍ जे साइकि‍लक टाएर-ट्यूब बदलए पड़त। अदहा घंटा पछाति‍ पत्नी आबि‍ कहली-
कि‍यो रूपैआ नै देलक।
आब केना हएत। साइकि‍ल बेलहा चौकपर पड़ल अछि‍।
चुप देखि‍ पत्नी बजली-
तीन सए टाकाक गहुमे दोकानमे बेचि‍ लिअ आ चलि‍ जाउ।
पुछलि‍यनि‍-
की दर चलै छै।
खुदरा नअ सारहे नअ रूपैए लइ छै।
ि‍नरमली-घोघरडीहामे तँ एगारह टके लइ छै?”
पत्नीकेँ हमर बात जेना कान धरि‍ नै गेलनि‍। कि‍छु ने बजली। हमहूँ सोचए लगलौं, साइकि‍लो खरापे अछि‍। ओकरे मरम्मति‍ खाति‍र तँ रूपैआक बेगरता अछि‍। तखनि‍ बाहर केना आ कथीपर भाड़ी लऽ जाएब...। भक्क खूजल।
हम तीस कि‍लो गहुम लऽ दोकान गेलौं। दस टके बेचि‍ तीन सए टाका लऽ घर एलौं। पत्नी खि‍चड़ी आ अल्‍लूक सन्ना बनेने छेली। जल्‍दीए खेनाइ खा ट्रेन पकड़ैले परसा हॉल्‍ट वि‍दा भेलौं। ट्रेन पकड़ि‍ घोघरडीहा एलौं। साइकि‍लक टाएर-ट्यूब कीनि‍ बेलहा-बथनाहा चौक दि‍स वि‍दा भेलौं। लगधग एक बजे चौकपर पहुँचलौं। मि‍स्‍त्रीकेँ दोकानपर नै देखने पता केलौं। पानबला कहलक-
साइकि‍लसँ भोजन करए बथनाहा गेल अछि‍।
मि‍स्‍त्रीकेँ धर बथनहे छै सेहो बुझलि‍ऐ। दू बजे मि‍स्‍त्री एला। हमरा देखि‍ते पुछलनि‍-
कहाँ अछि‍ टाएर-ट्यूब। लाउ पहि‍ने अहींक काज कऽ दइ छी।
पनरह मि‍नटमे ओ साइकि‍ल ठीक कऽ दऽ देलक। दस टका फिंटिंग चार्ज दऽ हम साइकि‍ल लऽ वि‍दा भेलौं। भरि‍ रस्‍ता एतबे सोचै रही जे हमर नि‍वास प्रमाण पत्र केना बनत। अखनि‍ धरि‍ आवेदनो जमा नै भेल अछि‍। सोचलौं काल्हि‍ भोरे जलखै कऽ आठे बजे ब्‍लौक दि‍स वि‍दा भऽ जाएब। भि‍नसर भने चारि‍टा सोहारी आ अल्‍लूक भूजीआ लऽ वि‍दा भऽ जाएब। सएह केलौं। दोसर दि‍न हम नअ बजै ब्‍लौक पहुँचलौं। ब्‍लौक ताबए बन्ने छल। सोचलौं जे आइ सभसँ आगाँ रहब। सभसँ पहि‍ने हमरे कागत जमा हएत। खेनाइ खाइबेर गामेमे रहब। जलखै तँ संगमे अइछे। नअसँ-साढ़े-दस बजल। मुदा आॅफि‍सक गेंटक ताला नै खुगल। हम सोचए लगलौं एते समए भऽ गेलै मुदा अखनि‍ धरि‍ कि‍नको देखै कहाँ छी। आॅफि‍स किए ने खुलै छै। अावेदनो करैबला दोसर कि‍यो बेकती नै आएल। कहीं आइ छुट्टी तँ नै छै। रोडक बगलमे चाह-पानक दोकान अछि‍। ओही दोकानपर जा पुछलौं-
आइ ऑफि‍स बन्न छै की?”
दोकानदार कहलक-
अहाँकेँ नै बूझल अछि‍। पूर्व मुखमंत्री काल्हि‍हे मरि‍ गेलै।
फेर हम पुछलि‍ऐ-
काल्हि‍ खुलतै की नै?”
ओ हँसैत कहलक-
अहाँकेँ नै बूझल अछि‍, काल्हि‍ रबि‍ छि‍ऐ।
हमरा अपने-आपपर गलनि‍ हुअ लगल। दोकानदार पुछलक-
कोन काज अछि‍ से। किए एते फि‍रि‍सान छी?”
हम जवाब देलि‍ऐ-
यौ भाय, हमरा नि‍वास प्रमाण पत्र बनेबाक अछि‍। चारि‍ दि‍नसँ आबि‍ रहल छी। मुदा कागत जमे ने भऽ रहल अछि‍।
अहाँ बूड़ि‍ छी। दोकानदार चट दऽ कहि‍ देलक।
हम पुछलि‍ऐ-
से किए कहै छी?”
बाजल-
चारि‍ दि‍नसँ घुमै छी आ कागत जमा नै भेल। चाि‍र दि‍नमे कमतीमे चालि‍स-पचास टाका खर्च कऽ नेने हएब। घरक काज हरजा भेल से कात। बजारमे शर्मा जीक इन्‍टर नेट सेवापर चलि‍ जइतौं दस टाका दैति‍ऐ आ अहाँक आवेदन ऑनलाइन जमा भऽ जाइत कथीले लाइनमे ठाढ़ रहए पड़ैत।
अनायासे हमरा मुँहसँ नि‍कलि‍ गेल-
यौ भाय, ई गप तँ हमरा बुझले ने छल।
दोकानदार फेर टोकलक-
केतए घर अछि‍?”
सखुआ भपटि‍याही।
अहूँक नरहि‍या बजारमे इंटरनेट सेवा हएत। नै तँ ि‍नर्मलीमे तँ हेबे करत आ फुलपरामे सेहो अछि‍।
हम पुछलि‍ऐ-
यौ भाय आइ ऑनलाइन हएत?”
नै आइ नै हएत आइ बन्न हएत। छुट्टी दि‍न सभ बन्न रहै छै।
सोमदि‍न फुलपरास चलि‍ जाएब। काज भऽ जाएत।
हम पानबलाकेँ धैनवाद दैत गाम दि‍स वि‍दा भऽ गेलौं।
  सोम दि‍न जलखै खा एगारह बजे फुलपरास गेलौं। ओइठाम एकटा दोकानपर जा भाँज लगेलौं आ जगहपर जा कागत आॅनलाइन करबेलौं। आ पुछलि‍ऐ-
प्रमाण पत्र कहि‍या भेटत?”
दोकानदार कहलक-
एक्कैस-बाइस दि‍न पछाति‍ ब्‍लौकमे भेट जाएत।
हम पुछलि‍ऐ-
तइसँ पहि‍ने नै हेतै की। हमरा तँ जरूरी अछि‍। आवेदन करबाक अछि‍?”
ओ कहलक-
हएत तँ मुदा कि‍रानी बाबूकेँ कि‍छु देबए पड़त।
केते देबए पड़तै?”
एकटा प्रमाण पत्रक पचास टाकासँ बेसी नै लेबाक चाही।
दू-तीन दि‍न पछाति‍ ब्‍लौक चलि‍ जाएब आ पता करब। नै हएत तँ कोनो दलालकेँ पकड़ि‍ लेब।
पुछलि‍ऐ-
के दलाल छी से केना बुझबै?”
यौ भाय, वाड सदससँ लऽ कऽ मुखि‍या-समि‍ति‍ सभ दलालि‍ऐ करै छै। से नै बुझै छी। एकरा सबहक अलाबे कि‍छु आरो दलाल अछि‍ जे भरि‍ दि‍न ब्‍लौक-अनुमण्‍डल-जि‍ला आ थानामे घुमैत रहै छै।
हम वि‍चारलौं जे वाड सदस तँ हमरे टोलक छी। जाइ छी राति‍एमे बात कऽ लेब। राति‍मे पहुँचलौं वाड सदस लग। पता चलल अखनि‍ तक ब्‍लौकसँ नै आएल। हुनक पुत्र कहलनि‍ जे पापा लेटसँ अबै छथि‍न से नै तँ भि‍नसरे आउ।
      भोरे वाड सदससँ भेँट कऽ अपन समस्‍या सुनेलि‍ऐ। कहलथि‍-
अहाँ दोसर जगहसँ कागत ऑनलाइन केने छी। तँए काज होइमे कठनाइ अछि‍। जौं ब्‍लौकमे ऑनलाइन करेने रहि‍ति‍ऐ। तँ सए-दू-सए टाकामे काज करा दइतौं। ओना हम जाइ छी कि‍रानी बाबूसँ बात करब। काल्हि‍ भेँट करू।
अँगना एलौं तँ पत्नीकेँ सभ बात कहलि‍यनि। ओ कहलनि-
यौ, मुखि‍याजी तँ अपने जाति‍क छथि‍न। भोँटक समैमे कहने रहथि‍। हमरा जीता दइ जाउ। जौं कोनो काज हएत तँ बि‍नु पाइएक करा देब आ कऽ देब।
हम कहलि‍यनि‍-
से तँ ठीके कहने रहथि‍न।
पत्नी कहली-
एकबेर भेँट करियनु ने। थाहियो तँ लेबे। फेर ने भोँटक समए औत।
  हम मुखि‍याजी सँ भेँट कऽ सभ गप कहलि‍यनि‍। कहलनि‍-
 “अखनि‍ हम बड़ बेस्‍त छी। मनरेगा तहत पंचायतक खाली जमीन सभपर गाछ-बि‍रि‍छ रोपबाक अछि‍। अखनि‍ एक्को पलक छुट्टी नै अछि‍। हम आइ काल्हि‍ ब्‍लौको नै जाइ छी। हलाँकी अहाँक काजो उकड़ू अछि‍। एना करू, अहाँ प्रमुख साहैबसँ भेँट करि‍यनु। ओ भरि‍ दि‍न ब्‍लौकेमे रहै छथि‍न।
हम कहलि‍यनि‍-
प्रमुख साहि‍बाक पति‍ वि‍पीनजी हमर संगीए छथि‍। तैपर मुखि‍याजी बजला वि‍पीने जीकेँ सभ प्रमुख साहैब कहै छन्‍हि‍। हुनकर पत्नी प्रमुख साहि‍बा तँ बैसके-बैसक घोघरडीहा जाइ छथि‍न। वि‍पीनेजी सभ काज करै छथि‍न। अहाँ हुनकेसँ भेँट करू काज भऽ जाएत। स्‍कूलक संगीओ छथि‍।
से तँ छीहे। बाजि‍ ओतएसँ हम वि‍दा भेलौं।
  अगि‍ला दि‍न परसा जा वि‍पीनजी ओतए गेलौं, दरबज्‍जेपर रहथि। देखि‍ते बजला-
आबह भाय, आबह।
एकटा कुरसी देखबैत बैसैक इशारा केलनि‍। हम कुरसीपर बैस गेलौं। एकटा लड़का दरबज्‍जापर पढ़ैत रहए। ओकरा दू कप चाह आनैले वि‍पीनजी कहलखि‍न। कनीए काल पछाति ओ लड़का दू कप चाह नेने एलनि‍। वि‍पीनजी पुछलनि‍-
भाय, जलो पीबहक?”
हम कहलि‍ऐ-
नै जल नै पीअब।
वि‍पीनजी हमरा तरफ चाहक एकटा कप बढ़ौलनि‍ आ अपने एकटा कप लेलनि‍। दुनू गोटे चाह‍ पीबए लगलौं। वि‍पीनजी पुछलनि‍-
केम्‍हर-केम्‍हर आगमन भेलह हेन?”
तोरेसँ कि‍छु काज छल तँए एलौं हेन।
हमरासँ काेन काज कहऽ, हमरासँ जे हएत से करबह। तूँ स्‍कूलक संगी छह।
हम हुनका सभ गप कहलि‍यनि‍। बजला-
तोरा काजमे बड़ खुसामद करए पड़त। काजो हएत कि‍ नै सेहो ठीक नै। तहूमे कहै छहक अप्‍लाइमे तीनि‍ए दि‍न बाँकी अछि‍। ऑनलाइन केला एक्केस-बाइस दि‍नपर प्रमाण पत्र भेटै छै। तोरा तँ से चारि‍ए दि‍न भेलह हेन। जौं कि‍रानीसँ कहब, बड़ जरूरी अछि‍ तँ ओ पाँच सए-छह सए मांगत। बेसी एँठी-मोचार करत। की कहबह। कहैत लाज होइए। मुदा तूँ संगी छह तँए तोरा कहै छिअ। बि‍ना रूपैआक कोनो काज नै हेतह। हमरो बात कर-कि‍रानी नै मानैए। एना करह एकबेर तूँ अपनेसँ परि‍यास करहक। जौं काज भऽ जेतह तँ बड़ नीक नै तँ हम तँ छीहेँ। जे रूपैआ खर्च हएत हएत। काज तँ करक अछि‍।
हम सोचलौं कि‍एक ने कि‍रानीसँ भेँट कऽ अपनेसँ कोशि‍श करी। सएह केलौं। काल्हि‍ पहुँचलौं। पता लगबैत कि‍रानीसँ भेँट कऽ सभ बात कहलि‍यनि। तँ कि‍रानी मुरारीजी बजला-
अखनि‍ तँ सोलह दि‍न बाँकी अछि‍।
हम हाथ जोड़ैत हुनकासँ आग्रह केलि‍यनि‍-
जौं अपनेक कृपा हएत तँ आइओ हमर काज भऽ सकैए। बड़ उपकार मानब। अपने जे कहब, हम तैयार छी।
मुरारीजी बजला-
दू सए टाका जमा करू। तीन बजे पछाति अहाँक नि‍वास प्रमाण पत्र ि‍नर्गत कऽ देब।
हम ऑनलाइनबला रसीद आ एकटा नमरी हुनका हाथमे दैत कहलि‍यनि‍-
आब माफ कएल जाउ।
ओ कहए लगला-
नै हएत, कमतीमे पचासो टाका और दि‍यौ।
हम एकटा पचसटकही औरो देलि‍यनि‍।
मुड़ी डोलबैत कहलनि‍-
अखनि‍ जाउ, तीन बजे भेँट करब।
तीन बजे हुनकासँ भेँट केलि‍यनि‍। ओ हमरा ि‍नवास प्रमाण पत्र देलनि‍। हम हुनका धैनवाद दैत वि‍दा भेलौं।


¦

No comments:

Post a Comment