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Sunday, August 3, 2014

विवेकक विवेक (क.नन्‍द वि‍लास राय)

विवेकक विवेक
बौआ, विवेक कखनि ि‍नर्मली पहुँचत?”
ई बात हमर बाबूजी हमरासँ पुछलनि‍। हम कहलि‍यनि‍-
दस बजे।
बाबूजी फेर पुछलनि-
की वि‍वेक फोन केने रहए?”
हम कहलियनि-
हँ बाबूजी, दस मिनट पहिने सकरीसँ फोन केने रहए। ओ ि‍नर्मलीवाली ट्रेनमे बैस गेल रहए। कहलक, दस बजे धरि‍ ट्रेन ि‍नर्मली पहुँचत।
बाबूजी फेर कहलनि-
ठीक छै, जलखै कऽ लए आ गाड़ी लऽ कऽ िनर्मली चलि जाह।
सएह करब। हम कहलियनि।
      वि‍वेक हमर पि‍सि‍यौत भाए। आइ ओ मुम्‍बईसँ हमरा गाम आबि‍ रहल अछि‍। कम्‍प्‍यूटर इंजीनि‍यर छथि‍। नौकरी ज्‍वाइन केला छह मास पछाति पहिल बेर वि‍वेक गाम आबि‍ रहल छथि‍, ओहो मामा गाम। ओ बजल रहथि जे नौकरी भेटला पछाति पहि‍ल छुट्टीमे पहिने मामा गाम आबि मामा-मामी, भैया-भौजीसँ असिरवाद लेब तखनि अपन गाम जा काका-काकी आ गौआँसँ असि‍रवाद लेब।
हम जल्‍दी-जल्‍दी जलखै कऽ मोटर साइकि‍लसँ ि‍नर्मली टीशन वि‍दा भेलौं। नअए बजे टीशनपर पहुँच गेलौं। टेन अबैमे घंटा भरि‍ देरी छल। टीशनसँ बाहरे मोटर साइकि‍लक हेण्‍डील लाँक कऽ मोसाफिरखानाक ब्रि‍न्‍चपर बैस गेलौं। हमरा पछि‍ला बात सभ मन पड़ि गेल।
पढ़ि कऽ अँगना एलौं तँ दादी आ माएकेँ कनैत देखि‍लि‍ऐ। समुच्‍चा गामक स्‍त्रीगण सभ आ पुरुखो अँगनासँ लऽ कऽ दरबज्‍जा तक भरल छल। हम कि‍छु बुझबे ने करी। माएसँ पुछलि‍ऐ-
किए कनै छी। की भेलौं हेन?”
माए बजली-
तोहर मदना बला पीसा आ दीदी बस दुर्घटनामे मरि गेलखुन।
हम पुछलिऐ-
केतए?”
माए कनैत बजली-
ओ सभ बससँ बाबाधाम जाइत रहथि‍न। ने जानि‍ केना सुलतान गंजसँ पहि‍ने बस एकटा खदहामे खसि‍ पड़ल। दस गोटे ओत्तै मरि‍ गेल जइमे तोरो पीसा-दीदी रहथुन।
हम पुछलि‍ऐ-
के कहलकौ?”
माए जवाब देलक-
मदनासँ मोबाइलपर फोन आएल छेलै। तोहर बाबू साइकि‍लसँ मदना गेलखुन हेन।
दादी कनैत बजली-
भगवान किए हमरा एहेन दुख देलखि‍न। हम जीवि‍ते छी आ हमर बेटी-जमाए दुनि‍याँसँ उठि‍ गेला। आब के ओकरा धि‍या-पुताकेँ पालत-पोसत, लि‍खौत-पढ़ौत, सादी-बि‍आह करौत। ऐसँ तँ भगवान हमरा बजा लैत ऊपर।
दादीकेँ संतोख बन्‍हैत ति‍लाठवाली कहलखि‍न-
सभ भगवाने पूरा करथि‍न। जे भगवान एते बड़का दुख देलक वएह पार लगौतहि‍न।
दादीकेँ कनैत-कनैत दाँती लगि गेल छल। जनि‍जाति‍ सभ दादीक दाँती छोड़ा पानि‍ पियौलक।
  हमर मदनावाली दीदीकेँ एकटा बेटा आ एकटा बेटी। बेटी दसमामे पढ़ैत आ बेटा अठमामे। बेटीक नाओं मीना आ बेटाक वि‍वेक। वि‍वेक हमरासँ पनरहे दि‍नक छोट। दुनू भाए-बहि‍न पढ़ैमे बड़ चन्‍सगर। दुनू अपना-अपना कि‍लासमे फस्‍ट करैत। गामसँ एक कि‍लो मीटरपर मदनेसर हाइ स्‍कूल। ओहीमे दुनू भाए-बहि‍न पढ़ैत। मदनाबला पीसा दू भाँइ। गेना लाल आ नेना लाल। हमर पीसा गेना लाल जेठ आ नेना लाल छोट। दुनू भाँइ शामि‍ले। जेठ भाय गेना लाल खेतीक काज देखैत जखैन कि‍‍ नेना लाल गामेमे कि‍राना दाेकान करैत। दुनू भाँइमे पाँच बीघाक धतपत खेत।
  बाबूजी चारि‍म दि‍न मदनासँ आपस एला। बाबूजीकेँ देखि‍ते दादी पछाड़ खा खसि‍ पड़ली। टोल-पड़ोसक लोक सभ जमा भऽ गेल। सभ घटनाक बाबत बाबूजीसँ पुछए लगल। स्‍त्रीगण सभ दादीकेँ समझाबए लगली। दादी कनैत बाबूकेॅ कहलकनि‍-
जीतू, हमर नाि‍त-नाति‍न आब केना रहत। के ओकरा सभकेँ पढ़ौत-लि‍खौत। के ओकर सबहक बि‍आह-दुरागमन करौत।
बाबूजी कहलखिन-
माए तूँ चि‍न्‍ता जुनि‍ कर। जेहने हमर बेटा राधे तेहने हमर भागिन वि‍वेक आ जेहने हमर बेटी सीमा तेहने भगि‍नी मीना। हम चारू भाए-बहि‍नकेँ पढ़ा-लि‍खा बि‍आह-दुरागमन कराएब। ओना नेना लालो पाहुन नीके लोक छथि‍न। ओहो आन तरहेँ भति‍जा-भति‍जीकेँ नै करथि‍न।
  छठम दि‍न बाबूजी फेरो मदना वि‍दा भेला। तँ दादी कहलखि‍न-
जीतू हमरा नैत-नाति‍नकेँ सखुआ नेने अबि‍हऽ।
  पीसा-दीदीक क्रि‍या-क्रम पछाति‍ बाबूजी वि‍वेक आ मीनाकेँ नेने एलखि‍न। संगमे पीसाक भाए नेना लाल सेहो रहथि‍न। वि‍वेक मीना आ नेना लालकेँ देखि‍ते दादी फेरो कानए लगली। नेना लाल मीना आ वि‍वेक सेहो कानए लगल। बाबूजी सभकेँ चुप केलखि‍न। तेसर दि‍न नेना लाल पीसा मदना वि‍दा भेला हुनकर कहब रहनि‍ जे हम अपने लग रखि‍ भति‍जा-भति‍जीकेँ पढ़ाएब-लि‍खाएब। जखैन कि‍ दादीक जि‍द्द रहनि‍ जाबे धरि‍ हम जीब नैत-नातीनकेँ अपना लग राखब आ पढ़ाएब-लि‍खाएब। नेना लाल पीसा बजल छला-
हमरा गौआँ-समाज की कहत। ओ सभ रंग-रंगक कुटीचाैल करत।
अंतमे ि‍नर्णए भेल जे मीना मदनामे रहत आ वि‍वेक मात्रि‍कमे रहि‍ पढ़त-लि‍खत। जखनि‍ नेना लाल पीसा साइकि‍लपर मीना बहि‍नकेँ बैसा मदना वि‍दा भेला तँ ओ बौम फाड़ि‍ कऽ कानए लगला। हुनका कनैत देि‍ख अँगनामे सभ कानए लगल। मुदा बाबूजी अपनाकेँ सम्‍हारैत सभकेँ चुप केलनि‍। नेना लाल पीसा वि‍दा होइ काल दादीकेँ गोड़ लागि‍ कहने रहथि‍न-
माए, जेहने जीतू अहाँक बेटा तेहेन हमहूँ अहाँक बेटा छी। हमरा असि‍रवाद दिअ। जे हमरासँ हमरा भति‍जा-भति‍जीकेँ कोनो आन तरहेँ नै होइ।
वि‍वेक हमरे ऐठाम रहि‍ पढ़ए लगल। हम दुनू गोटे एक्के कि‍लास अठमामे रही। दुनू गोटे संगे-संग नरहि‍या हाइ स्‍कूलमे पढ़ैले जाए लगलौं ओ हमरा भाइजी कहैए आ हम ओकरा वि‍वेक बौआ कहै छिऐ। वि‍वेक पढ़ैमे चन्‍सगर तँ रहबे करए जे मेहनतीओ रहए। मैट्रीक परीक्षामे वि‍वेक अस्‍सी प्रति‍शत नम्‍बर अनने रहए। हमहूँ सकेण्‍ड डि‍वि‍जनसँ पास केलौं।
  वि‍वेक सी.एम साइन्‍स कौलेज दरभंगामे नाओं लि‍खौलक आ हम ि‍नर्मलीए कौलेजमे पढ़ए लगलौं। वि‍वेककेँ मैरि‍ट स्‍काँलरसीप भेटए लगल। नेना लाल पीसा वि‍वेकक पढ़ाइमे कोनो कोताही नै केलखि‍न। वि‍वेक हमरा बरबरि‍ चि‍ट्ठी लि‍खए। ऐ बीच मीना बहि‍न पार्वती महि‍ला कौलेज झंझारपुरसँ आइ.ए फस्‍ट डि‍वि‍जनसँ केलक। बाबू आ नेना लाल पीसा मीना दीदीक बि‍आह एकटा पंचायत शि‍क्षकसँ तँइ केलनि‍। लड़कीक प्रति‍भा देखि‍ लड़ि‍काबला बेसी रूपैआक मांग-चांग नै केलनि‍ तथापि‍ नेना लाल पीसा बड़ धूम-धामसँ भति‍जीक बि‍आह संम्‍पन्न केलनि‍। हम आ वि‍वेक मीना बहि‍नक बि‍आहमे लोकनि‍याँ गेल रही। मीना दीदीक ननदि‍ हमरा दुनू भाँइकेँ बड़ तंग केने रहए। खाइते काल हमरा सभकेँ ऊपरेसँ रंग दऽ देने रहए।
  इण्‍टरक परीक्षामे वि‍वेक  बि‍रासी प्रति‍शत अंक अनलक। हमरो इण्‍टरमे फस्‍ट डि‍वि‍जन भेल। बाबूजी आ नेना लाल पीसाक वि‍चार भेलनि‍ जे वि‍वेककेँ इंजीनि‍यरिंगक कम्‍पीटि‍शनक तैयारी लेल पटनामे राखल जाए। सएह भेल। वि‍वेक पटनामे रहए लगल। इण्‍टर केलाक अगि‍ला साल ओ आइ.आइ.टी.क प्रति‍योगि‍ता परीक्षामे पास भेल। पछाति‍ रुड़कीमे नाआंे लि‍खौलक। इंजीनि‍रिंग कौलेजमे वि‍वेककेँ फेरो मैरि‍ट स्‍कॉलरसि‍प भेटल। जइसँ नेना लाल पीसाकेँ भार कमल।
  ऐ बीच शि‍क्षक ि‍नयोजन लेल बि‍हार सरकार वि‍ज्ञापन नि‍काललक। हम आ मीना बहि‍न दुनू गोटे पंचायत शि‍क्षकक पदपर चयनि‍त भऽ नौकरी करए लगलौं। हमरो बि‍आह भऽ गेल रहए, वि‍वेक हमरा बि‍आहमे नै आबि‍ सकल।
  समए बि‍तैत देरी नै लगै छै। वि‍वेक इंजीनि‍यरिंगक फाइनल परीक्षामे पचासी प्रति‍शत अंक अनलक। ओकर केम्‍सस सलेक्‍शन भेल। मुम्‍बइक एकटा पैघ कम्‍पनीमे नौकरी भेटलै। नेना लाल पीसा मि‍ठाइ लऽ कऽ सखुआ एला। बाबूजी समुच्‍चा गाममे मि‍ठाइ बँटने रहथि‍न।
  गाड़ीक सीटीक अवाज सुनि‍ते हमर धि‍यान टुटल। गाड़ी टीशनपर पहुँच गेल छल। हम हरबड़ा कऽ उठलौं आ ट्रेनक डि‍ब्‍बा दि‍स बढ़लौं। यात्री सभ डि‍ब्‍बासँ उतरए लगल। हम बौगी सभमे वि‍वेककेँ ताकए लगलौं। तखने एकटा खि‍ड़कीसँ अवाज आएल-
यौ भायजी, यौ नन्‍द भायजी।
हमरा हुअ लगल ई तँ वि‍वेकक अवाज छी। हम झटकि‍ कऽ ओइ खि‍ड़की लग गेलौं तँ वि‍वेककेँ वर्थपरसँ समान उतारैत देखलौं। हमरा देखि‍ते वि‍वेक बाजल-
भायजी, गोड़ लगै छी।
हम कहलि‍ऐ-
नीके रहऽ।
सभ यात्रीक उतरला पछाति‍ हम टेनमे चढ़लौं। वि‍वेक हमर पएर छूबि‍ गोड़ लगलक। हम ओकरा भरि‍ पाँज पकड़ि‍ छातीसँ लगा लेलौं। वि‍वेक पुछलक-
मामा-मामी सभ कुशल छथि‍न ने?”
हम कहलि‍ऐ-
हँ, सभ ठीक छथि‍न।
वि‍वेककेँ एकटा बड़का शुटकेश, एकटा बैग आ एकटा काटून छल। हम बड़का शुटकेश उठेलौं। ओ बाजल-
भायजी, अहाँ छोड़ि‍ दि‍यौ। हम बेगो आ शुटकेशो लऽ लइ छी।
हम कहलि‍ऐ-
शुटकेश तँ भारी बुझाइ छह। ई हमरा लाबह। तूँ बेग लऽ लए।
ओ कहलक-
नै भायजी, अहाँ हमरासँ पैघ छी। तँए अहाँकेँ हम अपन समान केना उगहए देब। ई छोटका काटून अहाँ हाथमे लऽ लिअ।
हम केतबो परि‍यास केलौं मुदा तैयो ओ बैग आ शुटकेश हमरा नै लिअ देलक। अपनेसँ दुनू समान लऽ मोटर साइकि‍ल तक अनलक। मोटर साइकि‍लपर समान सभ बान्‍हि‍ हम दुनू भैयारी कि‍शन होटल आबि‍ जलखै केलौं केतबो चाहलि‍ऐ मुदा जलखैक पाइ हमरा नै दिअ देलक। जलखै पछाति‍ फल आ मि‍ठाइ कीनि‍ हम सभ गामपर एलौं। अपन मामा-मामीकेँ गोड़ लागि‍ वि‍वेक नानीक सारा लग गेल। हाथ-पएर धोइ नानीक सारापर माथ टेकि‍ प्रणाम कऽ अँगना आबि‍ मामाकेँ कहलक-
मामा यौ, अखने खेनाइ खा हम भाय जीक संगे मदना जाएब। ओतए काका-काकीकेँ प्रणाम कऽ माए-बाबूक सारापर माथ टेकि मीना दीदी ओतए मैलाम चलि‍ जाएब। राति‍मे मैलामे रहि‍ जाएब। काल्हि‍ भोरे मदना आएब आ फेर साँझ धरि‍ सखुआ। दू दि‍न सखुआमे रहि‍ फेर आपस मदना चलि‍ जाएब।
मामा कहलखि‍न-
बड़ नीक वि‍चार छह।
वि‍वेक सभ कि‍यो लेल कपड़ा नेने आएल अछि‍। शुटकेश खोलि‍ सभकेँ कपड़ा देलक। हम दुनू भाँइ खेनाइ खा मदना गेलौं। मदनामे वि‍वेक सभकेँ प्रमाण-पाती कऽ माए-बाबूक सारापर माथ टेकि‍ झहरैत आँखि‍ए अँगना आएल। नेना लाल पीसा वि‍वेककेँ भरि‍ पाँजमे पजिआ छातीसँ लगौलखि‍न। हुनको आँखि‍सँ दहो-बहो नाेर जाइत रहनि‍। वि‍वेक काका-काकी, भाए-बहि‍न सभ कोइले कपड़ा अनने रहए। सभकेँ कपड़ा देलक। दू लाखक ड्राप काका नामे मुम्‍बईसँ अनने छल। नेना लाल पीसाकेँ दैत कहलक-
एकरा बैंकमे जमा कऽ लेब। सप्‍ताह भरि‍मे खातामे पाइ चलि‍ औत। जे खेत सभ भरना लगल अछि‍ से सभटा छोड़ा लेब। आब जौं अपने हुकुम करी तँ हम सभ मीना दीदीकेँ भेँट केने आबी।
नेना लाल पीसा कहलखि‍न-
अबस्‍से जाह। मुदा राति‍मे आब ओत्तै रहि‍ जइहऽ। मैलाम दूर अछि‍ ओतएसँ राति‍मे एनाइ ठीक नै हेतह।
हम सोचए लगलौं, केतेक नीक अछि‍। वि‍वेकक वि‍वेक...।

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