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Wednesday, October 23, 2013

सभसँ पैघ पूजा

सभसँ पैघ पूजा

रेलबेमे भेकेन्‍सी नि‍कलल छल। मूल आवेदन पत्रक संगे सभ प्रमाण पत्रकेँ राजपत्रि‍त पदाधि‍कारी दुआरा अभि‍प्रमाणि‍त छाया प्रति‍ संलग्‍ण करनाइ अनि‍वार्य छल। नै तँ आवेदने रद्द भऽ जाएत। हमरा देरीसँ पता लगल। एक सप्‍ताहक समए अवासीय एवं जाति‍ प्रमाण पत्र बनबैमे लगि‍ गेल।
  आइ आवेदनक अंति‍म दि‍न छल। मुदा हमर प्रमाणक छाया प्रति‍ अभि‍प्रमाणि‍त नै भेल छल। हम बड़ चि‍न्‍ति‍त छेलौं। भि‍नसरे आठ बजे घोघरडीहा वि‍दा भेलौं सोचलौं, ओतए तँ केतेको राजपत्रि‍त पदाधि‍कारी सभ छथि‍, कि‍नकोसँ करा लेब। आ घोघरडीहे डाकघरसँ स्‍पीड पोस्‍ट कऽ देबै। ओहीठाम एकटा डाक्‍टर छथि‍ नाओं छि‍यनि‍ डाक्‍टर ओम नारायण कर्ण। सभ गोटे हुनका डाक्‍टर नारायण बाबू कहै छन्‍हि‍। हुनकासँ नीक परि‍चए अछि‍। केतेको रोगी सभकेँ हुनकासँ इलाज करौने छी। जइसँ डाक्‍टर साहैबकेँ नीक आमदनी भेल छन्‍हि‍। नै तँ कमतीमे दू हजार टाकासँ बेसी हमरा दुआरा डाक्‍टर साहैबकेँ आमद भेल हेतनि‍। हमरा पूरा बि‍सवास छल जे डाक्‍टर नारायण बाबू हमर प्रमाण पत्रक छाया प्रति‍केँ अभि‍प्रमाणि‍त कऽ देता। हम हुनका डेरापर पहुँचलौं ओ टी.वी देखै छेला। हमरा देखि‍ते हुनकर पत्नी हुनका कहलकनि‍-
रायजी एला हेन।
बरबरि जे रोगी लऽ कऽ हुनका डेरापर जाइत रही तँए डाक्‍टर साहैबक पत्नीओ हमरा चि‍न्‍है छेली। हुनकर क्‍लि‍नि‍क डेरापर छन्‍हि‍। डाक्‍टर साहैब टी.बी देखनाइ छोड़ि‍ हमरा लग आबि‍ बजला-
बहुत दि‍नपर एलौं हेन। कोनो राेगी अछि‍ की?”
हम कहलि‍यनि‍-
नै सर। आइ रोगी नै अछि‍। आइ तँ हम अपन प्रमाण पत्रक छाया प्रति‍केँ अभि‍प्रमाणि‍त करबए एलौं। आइ आवेदनक अंति‍म तारीख छी।
डाक्‍टर साहैब बजला-
हमरा लग तँ मोहर अछि‍ नै। उ तँ अस्‍पतालेमे रहैए। बि‍नु मोहरक केना हएत।
हम कहलि‍यनि‍-
सर, अपने अभि‍प्रमाणि‍त कऽ देल जाउ। हम अस्‍पताल जा मोहर लगाबा लेब।
डाक्‍टर साहैब कहलनि‍-
अखनि‍ तँ हमरा बोहनि‍यो ने भेल अछि‍। बि‍नु बोहनि‍क काज केने अझुका दि‍न फोंके चलि‍ जाएत।
  हमरा डाक्‍टर साहैबक ऐ बेवहारपर दुख भेल। मुदा बजलौं कि‍छु नै। ओतएसँ वि‍दा भऽ सड़कपर एलौं। सोचलौं आबि‍ की करी। केतए जाइ। मन पड़ल। प्रखण्‍डक साहायक अभियंतो ई काज कऽ सकै छथि‍। हुनकोसँ तँ जान-पहचान अछि‍ए। प्रधानमंत्री सड़क जे बनैत रहए तँ इंजीनि‍यर साहैबकेँ हम चाह-जलपान करौने रहि‍यनि‍। हुनकर मोटर साइकि‍ल खराप भऽ गेल रहनि‍। तँ हमहीं गुड़का कऽ अपना दरबज्जापर लऽ गेल रही। ऐसँ इंजीनि‍यर साहैब बड़ खुशी भेल रहथि‍। कहने छला कहि‍यो कोनो काज हएत तँ हमरा लग आएब। शर्मा जीक मकानमे डेरा अछि‍। शर्मा जीक मकान तँ देखले अछि‍। कारण पहि‍ने जे दुर्गा बाबू बीडीओ साहैब रहथि‍न हुनको डेरा तँ शर्मो जीक मकानमे रहनि‍। एक-आध बेर बीडीओ साहैबक डेरापर गेले छी।
  शर्मा जीक मकान दि‍स वि‍दा भेलौं। इंजीनि‍यर साहैब बाहरेमे बैसल रहथि‍। टेबुलपर चाह रखल रहनि‍। अपने पेपर पढ़ैत रहथि‍। लगमे जा कहलि‍यनि‍-
परनाम सर।
पेपरपरसँ नजरि‍ हटा हमरा दि‍स देखैत बजला-
बाजू कोन काज अछि‍।
हम कहलि‍यन-
अभि‍प्रमाणि‍त करेबाक अछि‍।
ओ बजला-
अखनि‍ हमरा लग समए नै अछि‍। देखै नै छि‍ऐ दाढ़ीओ नै कटेलौं हेन। तखनि‍ स्‍नान-पूजा करब। जलखै कऽ तुरन्‍त मधुबनी जाएब। जि‍लामे एगारह बजैसँ मि‍टिंग अछि‍। नअ बाजि‍ रहल अछि‍।
हम पुन: नि‍वेदन करैत कहलि‍यनि‍-
सर, आवेदनक तँ आइ अंति‍म दि‍न छि‍ऐ। बड़ कृपा हएत जे ई काज अपने कऽ दैति‍ऐ।
कहलनि‍-
बोले न समय नहीं है। दुसरे जगह चले जाइए। अस्‍पताल है ब्‍लौक है मबेशी अस्‍पताल है। कहीं भी अभि‍प्रमाणि‍त हो सकता है।
  हम नि‍राश भऽ ओतएसँ वि‍दा भेलौं। हमरा भेल जे आब हमर आवेदन पत्र रखले रहि‍ जाएत। सोची, आब केतए जाइ। अही गुनधुनमे आगू बढ़लौं तँ एकटा मकानक गेँटपर लि‍खल आलोक कुमार, प्रखण्‍ड पशुपालन पदाधि‍कारी, देखलि‍ऐ। केबाड़ भीतरसँ बन्न रहै। हम केबाड़ ढकढकेलि‍ऐ। एक्के मि‍नट पछाति‍ एकटा युवक नि‍कलला। हुनकर पूरा शरीर भीजल रहनि‍। गमछा पहि‍रने रहथि‍। पुछलि‍यनि‍-
साइत अपने...?”
बि‍च्‍चेमे हमर बात लपकि‍ बजला-
हँ, हम आलोक कुमार। प्रखण्‍ड पशुपालन पदाधि‍कारी, घोघरडीहा छी। बाजू?”
कहलि‍यनि‍-
अभि‍प्रमाणि‍त करबैक छल सर। मुदा अखनि‍ अपने स्‍नानामे लगल छी फेर पूजा करब तेकर बाद ने हमर काज।
ओसारपर राखल चौकीपर बैसैले कहलनि। हम जा कऽ ओइपर बैसलौं। ओ अपने भीतर गेला। कहलनि‍ जे एतए बैसू अबै छी। पाँच-सात मि‍नट पछाति‍ आबि‍ पुछलनि‍-
आब कहू कोन प्रमाण पत्रपर अभि‍प्रमाणि‍त करेबाक अछि‍।
हम अपन प्रमाण पत्र सबहक छाया प्रति‍क संग मूल प्रति‍ सेहो हुनका आगूमे टेबुलपर रखि‍ देलयनि‍। देख-सुनि‍ सभ प्रमाण पत्रक छाया प्रति‍पर अभि‍प्रमाणि‍त करैत कहलनि‍-
अहाँ पूजाक बात करै छेलौं...?”
हम चुप्‍पे रहलौं आकि‍ ओ पुन: बजला-
हम जे अपनेक काज कऽ देलौं हमरा लेल सभसँ पैघ पूजा यएह भेल। हम सेवाकेँ पूजा बुझै छी।
हम डाक्‍टर साहैबक ई बात सुनि‍ कि‍छु सोचए लगलौं। ताबए सभ कागत पोलि‍थि‍न झोरामे लऽ नेने रही। हुनक ई बात हमरा ि‍दमागमे ऐ तरहेँ जगह बना छेकि‍ नेने छल जे कि‍छु बाजि‍ नै पबैत रही। अंतो-अंत बि‍नु कि‍छु बजने हाथक इशारासँ प्रणाम करैत ओइठामसँ नि‍कलि‍ डाकघर दि‍स ि‍वदा भऽ गेलौं।

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