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Friday, August 10, 2012

ओमप्रकाश झा -सफल अधिकारी



ओमप्रकाश झा                                              
सफल अधिकारी
 वातानूकुलित चैम्बरक शीतल हवा मे रिवॉल्विंग चेयर पर आरामसँ अर्द्धलेटल अवस्थामे बैसल छलाह श्री बिमलेश चन्द्र। जी हाँ श्री बिमलेश चन्द्र, जे हमर विभागक एकटा सफल आयकर अधिकारी मानल जाइत छथि। हुनकर प्रभावी व्यक्तित्वक आगाँ पूरा विभाग नतमस्तक रहैत अछि। जतए ककरो कोनो काज अटकल कि श्री बिमलेश तुरत यादि कएल जाइत छथि। की अधिकारी आ की कर्मचारी, सभ गोटे हुनकर काज कराबै केर क्षमता आ हुनकर व्यक्तित्वक लोहा मानैत छथि। आइ वएह बिमलेश जी किछ शोचपूर्ण मुद्रामे अपन कुर्सीमे घोंसिआएल छलाह। हम भीतर ढुकबाक आज्ञा माँगलियन्हि तँ बिना डोलल संकेतसँ बजेलाह आ हम ओइ सुन्नर वातानूकुलित कक्षमे प्रवेश कऽ गेलौं। एतए ई बता दी जे जहियासँ हमर विभागमे कम्प्यूटर जीक पदार्पण भेलन्हि, तहियासँ सभ अधिकारीक कक्ष वातानूकुलित भऽ गेल अछि। ओना ई अलग गप थीक जे ई वातानुकूलन कम्प्यूटर जी लेल भेल छन्हि। हम बिमलेश जी सँ चिन्ताक कारण पुछलियन्हि। ओ बजलाह- "जहियासँ मयंक सर गेलाह आ खगेन्द्र सर एलाह, तहियासँ हम चिन्तित छी।" मयंक शेखर हमर सभक आयकर आयुक्त छलाह जिनकर बदली भऽ गेलन्हि आ हुनका स्थानपर खगेन्द्र नाथ जी नवका आयुक्तक पदभार ग्रहण केलखिन्ह। हम कहलियन्हि- "यौ ऐ गपसँ चिन्ताक कोन सम्बन्ध? कियो आयुक्त रहथि, अपना सभकेँ तँ काज करै केँ अछि, से करैत रहब।" बिमलेश- "अहाँ ऐ दुआरे फिसड्डी छी आ सदिखन अहिना फिसड्डी रहब।" हम चुप रहि कऽ पराजय स्वीकार केलौं आ ऐसँ अओर उत्साहित होइत ओ बजलाह- "अहाँ बुड़िराज छी। ई जनतब राखनाइ बड्ड जरूरी अछि जे नबका सर कोन मिजाजक लोक छथि।" हम- "से किए?" ओ अपन ज्ञानसँ हमरा आलोकित करैत कहलाह- "मिजाजक पता रहत तहन ने ओइ अनुरूपे काज कएल जेतै।" फेर ओ सोझ भऽ कऽ बैस गेलाह आ एकटा नम्बर दूरभाषपर डायल करैत बजलाह जे मयंक सर केँ फोन करै छियन्हि। ओकरा बाद एकटा चुप्पी आर, फेर बिमलेश जी मुस्की दैत विनीत भावमे दूरभाषक चोगापर बाजलथि- "प्रणाम सर। हम बिमलेश।"
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"जी सब नीके छै अपनेक आशीर्वाद सँ।"
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"जी अहाँ संगे काज करए केर आनन्द किछु अओर छल। अहाँक विषयक पकड़ आ अहाँक ज्ञान--- ओ सभ मोन पड़ैत अछि।"
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"झूठ नै कहै छी। अच्छा सर अहाँक सामान सभ पहुँचल की नै? सॉरी सर, एक दिन बिलम्ब भऽ गेल, ट्रान्सपोर्टमे ट्रक खाली नै छल।"
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"जी ई अपनेक महानता अछि। नै तँ हम कोन जोगरक लोक छी। कोनो अओर काज हुअए तँ कहब जरूर सर।"
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"जी प्रणाम सर।" ई कहैत ओ दूरभाषक सम्बन्ध विच्छेद करैत हमरापर विजयी मुस्की फेकलथि आ अपन आँखि हमर आँखिमे ढुकबैत कहलथि जे कहू आर की हाल चाल। हम- "नीके छी यौ। बजबै लेल आएल छलौं। चलू नबका आयुक्तक चैम्बरमे मीटिंग अछि।" ओ तुरत हमरा संगे चलि देलथि आ हम सभ आयुक्त महोदयक चैम्बर पहुँचलौं जतए सभ अधिकारी बैसल छलाह। मीटिंग शुरू भेल। एकटा चुप्पी ओइ कक्षमे पसरि गेल। हमरो विभागमे आन सरकारी विभाग जकाँ भरि साल मीटिंग चलैत रहैत अछि। ऐ विषयपर एकटा ग्रन्थ लिखल जा सकैत अछि जे मीटिंगक कतबा फएदा अछि। खैर मीटिंगमे आयुक्त महोदय अधिकारी सभकेँ खूब पानि पियेलखिन्ह आ खराब प्रदर्शनक लेल पुरकस डाँट सेहो भेटल। कहुना मीटिंग खतम भेल आ हम सभ ओहिना पड़ेलौं जेना बिलाड़िक डरसँ मूस पड़ाइत अछि। मुदा बिमलेश जी फेरसँ अनुमति लऽ केँ भीतर ढुकलाह आ आयुक्तसँ कहलखिन्ह- "प्रणाम सर, हम बिमलेश।" आयुक्त भावरहित बजलाह- "बैसू।" हमर विभागमे कोनो नबका अफसर आबैत छथि तँ विभिन्न अधिकारी आ कर्मचारी केर खासियतसँ हुनका परिचित करेबामे किछु लोक आगाँ रहैत छथि। बिमलेश जीक (कु)ख्याति सँ आयुक्त महोदय नीक जकाँ परिचित कऽ देल गेल छलाह। भाव विहीन चेहरासँ आयुक्त महोदय बिमलेश जी केँ कहलखिन्ह- "अहाँक रेकॉर्ड तँ बड्ड खराब अछि। किछु काज नै भेल अछि।" बिमलेश जी पैंतरा बदलैत बजलाह- "सच पूछू सर तँ ऐ लेल अपनेक मार्गदर्शन लेल हम आएल छी। ऐ चार्जमे कहियो ठीकसँ काज नै भेल। आब अहाँकेँ अएलाक बाद सभ ठीक भऽ जेतै।" आयुक्त महोदय कनी नरम भेलाह आ अपन योजनापर चर्चा करए लगलाह। बिमलेश जी मन्त्र मुग्ध भऽ मुस्की दैत हाँ हूँ करैत सुनैत रहलाह। गप खतम भेलाक बाद बिमलेश जी कहलखिन्ह- "सर अहाँक डेरापर सामान उतारबाक लेल ५ टा लोक पठा देने छी आ रातिक खेनाइ डिलाइट होटलमे आर्डर कऽ देने छी।" आयुक्त महोदय किछु नै बजलाह। ओकर बाद पता चलल जे बिमलेश जी केँ नियमित बोलाहट होबए लगलन्हि आयुक्त महोदय लग। दू मासक बाद आयकर अधिकारीक बदलीक आर्डर आयुक्त महोदयक आफिससँ निकलल। श्री बिमलेश जीकेँ अपन कार्यालयमे छोड़ैत एकटा आर कार्यालय केर अतिरिक्त प्रभार देल गेलन्हि। संगहि आयकर अधिकारी (मुख्यालय) क अतिरिक्त प्रभार सेहो देल गेलन्हि। हमर पदस्थापन एकटा दूरक जिला मे कऽ देल गेल छल। साँझमे बिधुआयल मुँह लेने घर पहुँचलौं। कनियाँ मुँह फुलेने बैसल छलीह, किएक तँ हुनका पहिने बदलीक समाचार भेंट गेल छलन्हि। हमरा दिस तिरस्कारक संग देखैत बजलीह- "अहाँ तँ ओहिना बुड़िबक रहि गेलौं। बिमलेश जी केँ देखियौन्ह, कतेक सफल अधिकारी छथि। सभक पसिन्नक छथि।" हम मौन रहिकेँ हुनकर गप सुनैत अपन पराजय स्वीकार केलौं।

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